हवाई द्वीप समूह के ओ आहू द्वीप पर स्थित 'डायमंड हेड' (Diamond Head) केवल एक प्राकृतिक संरचना नहीं है, बल्कि पृथ्वी के भीतर छिपे प्राचीन अग्निकाल की एक रोमांचकारी दास्तान है। यह विशाल टफ कोन यानि ज्वालामुखीय राख से बनी पर्वताकार आकृति लगभग 4 से 5 लाख साल पहले एक भीषण विस्फोट के दौरान बनी थी। इसकी भव्यता, वैज्ञानिक रहस्य और ऐतिहासिक नामकरण, सब मिलकर इसे दुनिया के सबसे चर्चित भूगर्भीय स्थलों में से एक बनाता है।
डायमंड हेड कोई आम पहाड़ी नहीं है, बल्कि यह एक "टफ कोन" है। टफ कोन उस प्रकार की ज्वालामुखीय संरचना को कहते हैं, जो ज्वालामुखी से निकली राख, गैस और चट्टानों के मिश्रण के ठंडा होने से बनता है। डायमंड हेड का निर्माण ओ आहू द्वीप के दक्षिण-पूर्वी तट पर एक तीव्र और विस्फोटक ज्वालामुखीय क्रिया के दौरान हुआ था। यह आज भी उस विस्फोट की ताकत का गवाह है।
डायमंड हेड का व्यास लगभग 1 किलोमीटर है और इसकी ऊंचाई करीब 760 फीट (231 मीटर) है। इस विशाल क्रेटर को ऊपर से देखने पर ऐसा लगता है मानो कोई विशाल कटोरा समुद्र के किनारे बैठा हो। यह अब एक शांत ज्वालामुखी है, लेकिन इसकी आंतरिक परतों में आज भी पृथ्वी के भीतरी ताप की कहानी दर्ज है।
'डायमंड हेड' नाम अपने आप में ही एक दिलचस्प कहानी समेटे हुए है। 19वीं सदी में जब ब्रिटिश नाविक इस क्षेत्र में पहुंचे, तो उन्होंने इसके चट्टानों में कुछ चमकते हुए क्रिस्टल देखे। उन्होंने उन्हें हीरा (Diamond) समझा और इस पर्वत को नाम दिया 'डायमंड हेड'। बाद में पता चला कि ये चमकदार क्रिस्टल दरअसल कैल्साइट (Calcite) हैं, जिनका हीरे से कोई वास्ता नहीं। लेकिन तब तक यह नाम दुनियाभर में मशहूर हो चुका था।
आज ‘डायमंड हेड’ हवाई का सबसे प्रतिष्ठित और लोकप्रिय दर्शनीय स्थल है। यहां तक पहुँचने के लिए पर्यटकों को एक रोमांचक ट्रेकिंग ट्रेल से गुजरना पड़ता है, जिसमें सुरंगें, सीढ़ियाँ और पथरीले रास्ते शामिल हैं। चोटी पर पहुंचकर देखने को मिलता है होनोलुलु शहर और प्रशांत महासागर का मनोरम दृश्य, जो किसी भी पर्यटक के लिए अविस्मरणीय अनुभव बन जाता है।
