बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने एक नई पहल की है। चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और जन-सुलभ बनाने की दिशा में राज्य भर में 100 स्थानों पर “इवीएम डेमो सेंटर (EVM Demo Centers)” की शुरुआत की गई है। इस अभियान का उद्देश्य मतदाताओं को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के प्रयोग और मतदान प्रक्रिया के बारे में सही और सटीक जानकारी देना है।
इवीएम डेमो सेंटर ऐसे स्थलों को कहा जाता है जहाँ आम मतदाताओं को वास्तविक इवीएम मशीन के माध्यम से मतदान की प्रक्रिया का लाइव प्रदर्शन दिखाया जाता है। यहां लोग न केवल मशीन को देख सकते हैं बल्कि स्वयं उसे प्रयोग में लाकर मतदान के तरीके को समझ भी सकते हैं। इससे उन्हें यह स्पष्ट होता है कि वोटिंग के समय उन्हें कैसे और किस प्रकार वोट डालना है।
राज्य के विभिन्न जिलों और अनुमंडलों में खोले गए इन सेंटरों पर अब तक 8,000 से अधिक लोग पहुंच चुके हैं। आम लोगों में इस अभियान को लेकर उत्साह देखा जा रहा है, खासकर पहली बार वोट डालने वाले युवाओं, बुजुर्गों और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों में। लोग यह जानने को उत्सुक हैं कि उनके वोट का क्या असर होता है और मशीन के काम करने का तरीका क्या है।
इवीएम को लेकर वर्षों से कई प्रकार के भ्रम और अफवाहें समाज में फैली हैं। कभी कहा गया कि मशीन में गड़बड़ी की जा सकती है, तो कभी मतदाता पर्ची को लेकर सवाल उठाए गए। लेकिन यह डेमो सेंटर इन तमाम भ्रांतियों को दूर करने का सशक्त माध्यम बन रहा हैं। यहां लोग मशीन का पूरा डेमो देख रहे हैं और स्वयं उसे चला कर भरोसा भी कर रहे हैं।
भारत निर्वाचन आयोग का यह कदम न केवल सराहनीय है, बल्कि लोकतंत्र को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक पहल भी है। यह अभियान मतदाताओं को सशक्त बना रहा है और उन्हें यह यकीन दिला रहा है कि उनका एक-एक वोट सुरक्षित है और सही जगह पहुंचता है।
लोकतंत्र की सफलता जागरूक नागरिकों पर निर्भर करती है। इवीएम डेमो सेंटर की शुरुआत से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर नागरिक बिना किसी संशय के, पूरी जानकारी के साथ अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके। चुनाव आयोग की यह पहल आने वाले चुनावों को और भी पारदर्शी, निष्पक्ष और सहभागी बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकता ह।
