सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा कदम - कम गति पर भी इलेक्ट्रिक वाहन करेगा आवाज

Jitendra Kumar Sinha
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भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) का चलन दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। शून्य प्रदूषण, कम खर्च और सरकार की सब्सिडी योजनाओं ने इसे आम जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया है। लेकिन EVs की एक खास विशेषता है कि यह पूरी तरह से शांत यानि बिना आवाज के चलना है। लेकिन अब यह खतरे का कारण बनता जा रहा है। विशेषकर पैदल यात्रियों और बुजुर्गों के लिए यह 'साइलेंट किलर' साबित हो सकता है। ऐसे में अब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाया है।

मंत्रालय के अनुसार, अब इलेक्ट्रिक वाहन 20 किलोमीटर प्रति घंटे से कम गति पर चलने के दौरान भी आवाज करेगा। इसके लिए जल्द ही नियमावली तैयार किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य है सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाना और हादसों की संभावना को कम करना।

ईवी में पारंपरिक इंजनों की तरह कोई जलनशील प्रक्रिया नहीं होती है, इसलिए इसमें शोर नहीं होता है। यह शांति एक ओर पर्यावरण के लिए बेहतर है, लेकिन सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों, विशेषकर नेत्रहीन या बुजुर्गों के लिए यह खतरनाक बन सकता है। वाहन की मौजूदगी का पता न चलने से टक्कर या दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति को देखते हुए AVAS (Acoustic Vehicle Alerting System) को अनिवार्य करने की तैयारी हो रहा है।

AVAS यानि ध्वनि चेतावनी प्रणाली एक ऐसी तकनीक है जिसमें इलेक्ट्रिक वाहन कम गति पर चलते समय कृत्रिम आवाज उत्पन्न करता है। यह आवाज पारंपरिक इंजन जैसा हो सकता है या अलग प्रकार का चेतावनी ध्वनि भी हो सकता है, जो सड़क पर चलने वालों को सचेत कर सके।

अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में यह नियम पहले से लागू है। यूएस नेशनल हाइवे ट्रैफिक सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन (NHTSA) के अनुसार, 30 किमी/घंटा से कम गति पर EVs में आवाज होना अनिवार्य है। यूरोपीय संघ ने जुलाई 2019 से ही EVs में AVAS सिस्टम को लागू कर दिया है।

भारत में कई ऑटोमोबाइल कंपनियां जैसे टाटा, महिंद्रा, और ओला पहले से ही अपने नए मॉडलों में AVAS पर काम कर रही हैं। कई प्रीमियम EVs में यह सुविधा पहले से मौजूद है। सरकार के निर्देश के बाद अब इसे सभी मॉडलों में अनिवार्य किया जाएगा।

ईवी का मूक स्वभाव अब उसके लिए जोखिम बनता जा रहा है। सरकार का यह कदम न सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से अहम है, बल्कि इससे आम नागरिकों में जागरूकता भी बढ़ेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों को अब और स्मार्ट और सेफ बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। 



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