भारत ने पनडुब्बी रोधी रॉकेट प्रणाली का किया सफल परीक्षण

Jitendra Kumar Sinha
0



भारत ने पनडुब्बी रोधी रॉकेट प्रणाली का किया सफल परीक्षण, भारतीय नौसेना की  मारक क्षमता में हुई वृद्धि - India successfully test fired anti submarine  rocket system

भारत ने अपनी समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक क्षमता को और अधिक मजबूत करते हुए एक अहम उपलब्धि हासिल की है। भारतीय नौसेना ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित की गई विस्तारित रेंज वाली पनडुब्बी रोधी रॉकेट प्रणाली (Extended Range Anti-Submarine Rocket) का सफल परीक्षण किया है। इस परीक्षण को आइएनएस कवरत्ती (INS Kavaratti) से अंजाम दिया गया और यह पूरी तरह से सफल रहा।

पनडुब्बी रोधी रॉकेट (ASR) एक ऐसा हथियार है, जो समुद्र की गहराइयों में छिपे दुश्मन की पनडुब्बियों को निशाना बनाकर उन्हें नष्ट करने में सक्षम होता है। पारंपरिक गहराई बमों की तुलना में यह प्रणाली अधिक दूर तक मार कर सकता है और सटीकता के साथ लक्ष्य भेदती है।

नवीन परीक्षण की गई रॉकेट प्रणाली को विशेष रूप से विस्तारित रेंज के साथ डिजाइन किया गया है। इसका अर्थ है कि यह पारंपरिक रॉकेट की तुलना में बहुत अधिक दूरी तक पनडुब्बियों को निशाना बना सकती है, जिससे भारतीय नौसेना को समुद्री युद्ध में रणनीतिक बढ़त मिलेगी। यह प्रणाली दुश्मन की पनडुब्बियों को काफी पहले ही पहचान कर उन्हें निष्क्रिय करने की क्षमता प्रदान करती है।

इस रॉकेट प्रणाली का परीक्षण INS कवरत्ती से किया गया, जो भारतीय नौसेना के स्वदेशी रूप से निर्मित युद्धपोतों में से एक है। यह पोत अत्याधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है और इसका निर्माण “मेक इन इंडिया” अभियान के तहत किया गया था। INS कवरत्ती पनडुब्बी रोधी युद्ध में खास भूमिका निभाता है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने DRDO, भारतीय नौसेना और इस परियोजना से जुड़े सभी वैज्ञानिकों एवं तकनीकी विशेषज्ञों को बधाई दी। उन्होंने इस सफलता को देश की आत्मनिर्भर रक्षा क्षमताओं का प्रमाण बताते हुए कहा कि इससे भारतीय नौसेना की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और भी मजबूत होगी।

इस परीक्षण से स्पष्ट है कि भारत आने वाले वर्षों में समुद्री शक्ति के क्षेत्र में और अधिक आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है। यह रॉकेट प्रणाली हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को और मजबूत करेगी और शत्रु की किसी भी समुद्री गतिविधि को तत्काल और प्रभावी जवाब देने की क्षमता प्रदान करेगी।

यह सफल परीक्षण न केवल भारतीय रक्षा अनुसंधान की सफलता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत अब केवल आयात पर निर्भर नहीं है, बल्कि वह विश्वस्तरीय सैन्य तकनीक का निर्माण और विकास स्वयं करने में सक्षम है। भारतीय नौसेना को अब समुद्री युद्ध के क्षेत्र में एक नया और प्रभावशाली हथियार मिल गया है, जो उसकी ताकत को कई गुना बढ़ा देगा।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top