ग्रीनलैंड के छोटे-से गांव इनारसुइट (Innaarsuit) के लोगों की सुबह हाल ही में कुछ अलग ही अंदाज़ में हुई। समुद्र की ओर देखने पर उन्हें टाइटैनिक जहाज के आकार का एक विशाल हिमखंड नजर आया, इतना बड़ा कि लगता है जैसे कोई बर्फीला किला धीरे-धीरे गांव की ओर बढ़ रहा हो। यह आइसबर्ग सिर्फ आकार में ही विशाल नहीं है, बल्कि अपने साथ एक संभावित संकट भी लेकर आया है।
विशेषज्ञों और प्रशासन का मानना है कि अगर यह हिमखंड तट से टकराता है या इसका कोई बड़ा हिस्सा टूटता है, तो समुद्र में इतनी बड़ी लहरें उठ सकती हैं कि किनारे के घर, दुकानें और मछली फैक्ट्रियां बह सकती हैं। गांव के लोगों में इस समय दो तरह की भावनाएं हैं, एक तरफ डर, तो दूसरी ओर प्रकृति के इस अद्भुत दृश्य को देखने का रोमांच।
प्रशासन ने एहतियातन गांव की मछली फैक्ट्री और दुकानें बंद करवा दी हैं। कुछ बुजुर्गों और बच्चों को ऊंचाई वाले इलाकों में रहने की सलाह दी गई है। ग्रामीणों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
वर्ष 2018 में भी इनारसुइट के तट के पास ऐसा ही एक आइसबर्ग आया था, जिससे भय का माहौल बन गया था। तब गांववालों को ऊंचे पहाड़ों पर शरण लेनी पड़ी थी। हालांकि उस बार बड़ी दुर्घटना टल गई थी, लेकिन इस बार का हिमखंड उससे कहीं ज्यादा बड़ा और खतरनाक बताया जा रहा है।
यह घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि जलवायु परिवर्तन, ग्लेशियरों का पिघलना और समुद्री तापमान में बदलाव अब दूर की बातें नहीं रहीं। वह घरों के दरवाजे तक आ पहुँचा हैं। टाइटैनिक जितना विशाल यह आइसबर्ग सिर्फ एक हिमखंड नहीं, बल्कि एक संदेश है, प्रकृति हमें चेता रही है।
विशेषज्ञ स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। सैटेलाइट और ड्रोन से आइसबर्ग की गतिविधियों की निगरानी की जा रही है। यदि बर्फ का कोई हिस्सा खिसकता है या टूटता है, तो तत्काल निकासी की योजना तैयार है।
