आस्था का अद्भुत संगम - 54 किलो चांदी से निर्मित कांवड़ - 54 घंटे के भीतर बाबा बैद्यनाथ को अर्पित होगा जल

Jitendra Kumar Sinha
0

 



श्रावण के पावन महीने में जहां चारों ओर 'बोल बम' के जयकारे गूंज रहे हैं, वहीं आस्था और भक्ति का एक अनूठा और अद्भुत स्वरूप देखने को मिल रहा है। पटना सिटी के मारूफगंज से चला लगभग 400 शिव भक्तों का एक जत्था 54 फीट लंबा और 54 किलोग्राम चांदी से सुसज्जित एक विशाल कांवड़ लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा पर है। 

यह भव्य कांवड़, जिसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपये आंकी गई है, जिधर से भी गुजर रहा है, लोगों के लिए कौतूहल और आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

इस अनूठी कांवड़ यात्रा का नेतृत्व कर रहे विनोद बाबा ने बताया कि वे वर्ष 2008 से लगातार इस परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। हर साल सुल्तानगंज से पवित्र गंगाजल लेकर वे अपनी टोली के साथ पैदल ही देवघर की यात्रा करते हैं। 

उनका संकल्प इस 54 फीट के कांवड़ को 54 घंटे के भीतर बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करने का होता है। यह कांवड़ केवल अपने आकार और वजन के कारण ही खास नहीं है, बल्कि इस पर की गई कलाकारी इसे और भी अद्वितीय बनाती है।

इस विशाल कांवड़ पर बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर की एक मनमोहक प्रतिकृति उकेरी गई है। इसके साथ ही, संपूर्ण शिव परिवार की प्रतिमाएं, जिनमें भगवान भोलेनाथ, माता पार्वती, गणेश और कार्तिक शामिल हैं, को शुद्ध चांदी में बड़ी ही खूबसूरती से ढाला गया है। इतना ही नहीं, इस पर मां दुर्गा, मां काली, राधा-कृष्ण और मां लक्ष्मी एव गणेश जी की प्रतिमाएं भी चांदी से ही निर्मित हैं, जो इसे एक चलता-फिरता देवलोक का स्वरूप प्रदान करता है।

जब यह कांवड़ कांवरिया पथ से गुजरता है, तो एकबारगी समय ठहर सा जाता है। अन्य कांवरिये और स्थानीय लोग इस भव्यता को देखकर अचंभित रह जाते हैं। हर कोई इस अद्भुत कलाकृति को अपने मोबाइल फोन में कैद कर लेना चाहता है, और कांवड़ के साथ सेल्फी लेने वालों की होड़ मच जाती है। भक्तों का यह समूह जब "हर-हर महादेव" के जयघोष के साथ आगे बढ़ता है, तो पूरा वातावरण शिवमय हो जाता है।

यह 54 किलो चांदी का कांवड़ केवल धातु और कला का प्रदर्शन मात्र नहीं है, बल्कि यह उन सैकड़ों भक्तों की अगाध आस्था, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, जो हर साल तमाम मुश्किलों के बावजूद इस कठिन यात्रा को पूरा करते हैं। यह यात्रा दर्शाती है कि जब आस्था सच्ची हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता है।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top