बिहार सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए एक बड़ी सौगात दी है। अब मुस्लिम, सिख, जैन, पारसी, ईसाई और बौद्ध समुदाय के छात्र बीपीएससी 71वीं प्रारंभिक परीक्षा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की निःशुल्क तैयारी घर बैठे कर सकेंगे। इस दिशा में एक विशेष वेब पोर्टल का उद्घाटन अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सचिव मोहम्मद सोहेल ने किया है।
इस पोर्टल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 100% ऑनलाइन आधारित है। इसके माध्यम से वे छात्र जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं या किसी कारणवश बड़े शहरों में जाकर कोचिंग नहीं कर सकते हैं, उन्हें अब उच्च गुणवत्ता वाली तैयारी अपने घर से ही करने का अवसर मिलेगा।
छात्रों को इस पोर्टल पर मिलेगा, अद्यतन स्टडी मैटेरियल, मॉक टेस्ट और टेस्ट सीरीज, पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र, विषयवार वीडियो लेक्चर, समय-समय पर मॉक इंटरव्यू और मेंटरशिप। यह पोर्टल BPSC, SSC, रेलवे, बैंकिंग, राज्य स्तरीय परीक्षाएं, और अन्य केंद्रीय सेवाओं की तैयारी में सहायक होगा।
बिहार के दूरदराज क्षेत्रों में रहने वाले अल्पसंख्यक छात्र, जो उच्च स्तरीय कोचिंग संसाधनों से वंचित रह जाते हैं, उनके लिए यह पोर्टल किसी वरदान से कम नहीं है। वे अब अपने मोबाइल या कंप्यूटर से प्रतियोगी परीक्षा की वैसी ही तैयारी कर सकेंगे जैसी पटना या दिल्ली के छात्र करते हैं।
इस पहल से साफ है कि बिहार सरकार शिक्षा में समान अवसर की भावना को मजबूती दे रही है। सचिव मोहम्मद सोहेल ने कहा कि यह कदम अल्पसंख्यक छात्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं में सहभागिता बढ़ाने और सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
इस पोर्टल के माध्यम से केवल पढ़ाई नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, समानता और सामाजिक न्याय का बीजारोपण किया जा रहा है। जब गांव-देहात के अल्पसंख्यक छात्र भी IAS, IPS, PCS जैसे पदों तक पहुंचेंगे, तो यह पहल इतिहास रचेगी।
शिक्षा को घर-घर पहुंचाने की यह डिजिटल पहल डिजिटल इंडिया और समावेशी विकास के सपनों को साकार कर रही है। यह न सिर्फ शिक्षा को लोकतांत्रिक बना रही है, बल्कि नए भारत के निर्माण में अल्पसंख्यक युवाओं की भूमिका को और मजबूत कर रही है।
