निष्क्रिय एनजीओ और सोसायटी का होगा निबंधन रद्द

Jitendra Kumar Sinha
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बिहार में अब उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) और सोसायटियों की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, जो केवल कागजों पर मौजूद हैं लेकिन धरातल पर कोई गतिविधि नहीं कर रहे हैं। राज्य सरकार ने ऐसे निष्क्रिय, गैर-कारगर और संदिग्ध पते वाली संस्थाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा सक्रिय रूप से इन संस्थाओं की जांच की जा रही है और जो संस्थाएं निर्धारित मापदंडों पर खरा नहीं उतरेगी, उनका निबंधन रद्द कर दिया जाएगा।

राज्य में हजारों एनजीओ और सोसायटियां निबंधित हैं, लेकिन इनमें से बड़ी संख्या में ऐसी संस्थाएं हैं जो वर्षों से निष्क्रिय हैं। न तो यह कोई सामाजिक काम कर रही हैं और न ही इनके पास कोई नियमित गतिविधियों का रिकॉर्ड है। कई संस्थाएं तो ऐसी हैं जिनके पते बदल चुके हैं या जिनके संचालकों का कोई अता-पता नहीं है। ऐसे में यह आशंका भी जताई जा रही है कि कुछ एनजीओ सिर्फ सरकारी या विदेशी अनुदान हासिल करने के लिए अस्तित्व में आए थे।

बिहार में 1860 से लेकर 2016 तक कुल 34,776 एनजीओ निबंधित हुए थे। इसके बाद जब 2016 में ऑनलाइन निबंधन प्रणाली शुरू की गई, तो इस प्रक्रिया ने रफ्तार पकड़ी। अब तक 4570 एनजीओ और 1771 फर्मों का ऑनलाइन निबंधन किया जा चुका है। लेकिन इनमें से कितनी संस्थाएं आज सक्रिय हैं, यह एक बड़ा सवाल बन चुका है।

सरकार का यह कदम पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी सामाजिक कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए उठाया जा रहा है। इस कार्रवाई का उद्देश्य सिर्फ निष्क्रिय संस्थाओं को खत्म करना नहीं है, बल्कि उन संगठनों को पहचान देना भी है जो वास्तव में समाज के हित में कार्य कर रहे हैं। जिन संस्थाओं के दस्तावेजों में अनियमितता पाई जाएगी या जो निर्धारित रिपोर्टिंग नहीं कर रही हैं, उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह अभियान सफल होता है, तो आगे चलकर निबंधन प्रक्रिया को और कड़ा किया जा सकता है। एनजीओ के लिए वार्षिक रिपोर्टिंग, ऑडिटेड अकाउंट जमा करने और भौतिक सत्यापन जैसी अनिवार्य शर्तें जोड़ी जा सकती हैं।

बिहार सरकार का यह कदम समाज के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि समाजसेवा की आड़ में अनियमितता करने वालों पर भी अंकुश लगेगा। सक्रिय, ईमानदार और समर्पित संस्थाओं को इससे बल मिलेगा। 



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