भारत के 17वें उपराष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया अब औपचारिक रूप से शुरू हो चुकी है। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी को इस महत्त्वपूर्ण चुनाव के लिए निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया है। यह नियुक्ति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद की गई है, यह पद सोमवार को रिक्त हो गया था।
भारत के लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति का पद अत्यंत प्रतिष्ठित और संवैधानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है। यह पद खाली होते ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू करना आवश्यक होता है ताकि संवैधानिक ढाँचा बिना किसी अवरोध के चलता रहे। इसी क्रम में भारत निर्वाचन आयोग ने कानून एवं न्याय मंत्रालय से परामर्श कर और राज्यसभा के उपसभापति की सहमति के उपरांत पीसी मोदी की नियुक्ति की है।
पीसी मोदी एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं और वर्तमान में राज्यसभा के महासचिव के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने विभिन्न प्रशासनिक भूमिकाओं में अपनी निपुणता और निष्पक्षता सिद्ध की है। उनकी नियुक्ति से यह सुनिश्चित होता है कि उपराष्ट्रपति चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और विधिसम्मत तरीके से सम्पन्न होगा।
भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव एक विशेष निर्वाचन मंडल द्वारा किया जाता है जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सभी निर्वाचित एवं मनोनीत सदस्य शामिल होते हैं। मतदान गोपनीय मतपत्र के माध्यम से किया जाता है और प्राथमिकता क्रम (preferential voting system) का पालन होता है। निर्वाचन आयोग शीघ्र ही चुनाव की तारीख, नामांकन, स्क्रूटनी और मतदान की तिथियों की घोषणा करेगा।
अभी चुनाव की तिथियाँ घोषित नहीं हुई हैं, लेकिन पद रिक्त होने के बाद संविधान के अनुसार छह महीने के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य होता है। लेकिन आमतौर पर यह प्रक्रिया एक से दो महीनों के भीतर पूरी कर ली जाती है।
भारत के उपराष्ट्रपति राज्यसभा के सभापति होते हैं और राष्ट्रपति के बाद देश के दूसरे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर होते हैं। संकट की स्थिति में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका भी निभा सकते हैं।
पीसी मोदी की निर्वाचन अधिकारी के रूप में नियुक्ति इस बात का संकेत है कि चुनाव आयोग उपराष्ट्रपति चुनाव की दिशा में पूरी गंभीरता और तत्परता से कार्य कर रहा है। अब देश की निगाहें आगामी चुनावी तारीखों और संभावित उम्मीदवारों पर टिकी रहेगी।
