पेरू की धरती से निकली 3500 साल पुराना शहर - ‘पेनीको’

Jitendra Kumar Sinha
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पेरू में मिला 3,500 साल पुराना पेनिको शहर, अमेरिका की सबसे पुरानी सभ्यता से  जुड़ा रहस्य उजागर - Swadesh News

दक्षिण अमेरिका के पेरू देश में इतिहास की परतें एक बार फिर रोमांचक रहस्य लेकर सामने आई हैं। उत्तरी पेरू के बारांका प्रांत में पुरातत्वविदों ने 3,500 साल पुराने एक अज्ञात शहर 'पेनीको' की खोज की है। यह खोज अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यता कारल के बाद की सांस्कृतिक कड़ी माना जा रहा है। यह शहर लगभग 1800 से 1500 ईसा पूर्व के बीच अस्तित्व में रहा होगा और यह क्षेत्रीय व्यापार, संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जा रहा है। खुदाई में प्राप्त अवशेषों से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि पेनीको तटीय, पर्वतीय और अमेजन क्षेत्रों के बीच व्यापारिक और सांस्कृतिक पुल की भूमिका निभाता था। यह शहर न केवल भौगोलिक दृष्टि से रणनीतिक था, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत समृद्ध रहा है।

आधुनिक तकनीक की मदद से जब ड्रोन कैमरे से स्थल की तस्वीरें ली गईं, तो केंद्र में एक विशाल वृत्ताकार संरचना सामने आई। इसके चारों ओर पत्थर और मिट्टी से बने भवनों के खंडहर फैला हुआ है, जो उस काल का अद्भुत स्थापत्य कला का संकेत देता है। यह गोलाकार संरचना संभवतः धार्मिक समारोहों या जनसभा के लिए प्रयुक्त होता था।

करीब 8 वर्षों तक चली खुदाई के दौरान पुरातत्वविदों को कुल 18 संरचनाएं मिली हैं, जिनमें शामिल हैं पूजा स्थल (जहां अनुष्ठान होते होंगे), आवासीय परिसर (स्थानीय निवासियों के लिए बने घर), कला सामग्री जिसमें शामिल हैं मानव और पशु आकृतियों की मूर्तियां और सीपों से बनी मालाएं, जो संभवतः व्यापार या धार्मिक प्रतीक रही होगी।  इन कलात्मक वस्तुओं से यह स्पष्ट होता है कि पेनीको की सभ्यता न केवल व्यावसायिक थी, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी समृद्ध थी।

पेरू की कारल सभ्यता को अब तक अमेरिका की सबसे प्राचीन सभ्यता माना जाता रहा है, जिसकी आयु लगभग 5000 साल आंकी गई है। परंतु पेनीको की खोज यह दर्शाती है कि कारल के बाद भी पेरू की धरती पर एक उन्नत और संगठित समाज मौजूद था, जिसने स्थापत्य, कला और संस्कृति में उच्च स्तर हासिल किया था।

पेनीको की यह खोज पेरू और पूरे मानव सभ्यता के इतिहास के लिए एक नई रोशनी लेकर आई है। यह न केवल पुरातत्वविदों के लिए उत्साह का विषय है, बल्कि सामान्य जनमानस के लिए भी यह संदेश है कि धरती के गर्भ में अब भी हजारों साल पुरानी अनकही कहानियाँ छिपी हैं।



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