जब भी समुद्र तट की कल्पना करते हैं, तो ज्यादातर लोग नीला आसमान, सुनहरी रेत और लहरों की गूंज को महसूस करते हैं। लेकिन अगर यही तट गुलाबी हो जाए, तो? जी हां, इंडोनेशिया का कोमोडो द्वीप एक ऐसा ही अद्भुत चमत्कार समेटे है 'पिंक बीच' या “गुलाबी समुद्र तट”, जो दुनिया के गिने-चुने ऐसे स्थलों में शामिल है जहाँ रेत वाकई गुलाबी नजर आती है।
कोमोडो द्वीप पर स्थित यह तट अपनी अनोखी गुलाबी रेत के लिए मशहूर है। दरअसल, इस गुलाबी रंग का कारण है फोरामिनिफेरा नामक सूक्ष्म जीव, जिनके मृत शरीर लाल या गुलाबी रंग के होते हैं। जब ये समुद्री जीव मरते हैं, तो इनके अवशेष कोरल रीफ से टूटकर महीन कणों के रूप में तट पर जमा हो जाता है। सफेद रेत में जब यह गुलाबी कण मिलता हैं, तो पूरी रेत को एक गुलाबी आभा मिल जाती है। सूर्य की रोशनी में यह रेत और भी निखर उठता है, मानो धरती पर इंद्रधनुष उतर आया हो।
“गुलाबी रेत” के अलावा इस तट की एक और खास बात है यहाँ का साफ-सुथरा, पारदर्शी और नीला समुद्र। जब नीली लहरें इस गुलाबी किनारे से टकराती हैं, तो एक जादुई दृश्य उत्पन्न होता है। यह नजारा किसी चित्रकार की कल्पना से कम नहीं लगता। यहां सूर्योदय और सूर्यास्त का अनुभव बेहद मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है।
कोमोडो द्वीप केवल अपनी “गुलाबी रेत” के लिए नहीं है, बल्कि अपने नाम के अनुसार, कोमोडो ड्रैगन के लिए भी प्रसिद्ध है। यह दुनिया की सबसे बड़ी छिपकली प्रजाति है जो केवल इसी क्षेत्र में पाई जाती है। यह द्वीप कोमोडो नेशनल पार्क का हिस्सा है, जिसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
यह तट स्नॉर्कलिंग प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है। साफ पानी के नीचे जीवंत कोरल रीफ, रंग-बिरंगी मछलियाँ और विविध समुद्री जीवों की झलक यहाँ की जलयात्रा को अविस्मरणीय बना देता है। समुद्र के भीतर की रंगीन दुनिया, ऊपर की गुलाबी रेत और आसपास की हरियाली, सब मिलकर एक परीकथा जैसी दुनिया रचता है।
“पिंक बीच” अब एक प्रसिद्ध पर्यटक आकर्षण बन चुका है, लेकिन इसके प्राकृतिक सौंदर्य को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन और अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं मिलकर संरक्षण कार्यों में जुटी हुई हैं। पर्यटन को नियंत्रित करना और प्रदूषण से तट को बचाना आज सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है।
