बिहार की पंचायतों में इन दिनों रोशनी की नई लहर दौड़ रही है। पंचायती राज विभाग द्वारा चलाई जा रही एक अभूतपूर्व पहल के तहत राज्य भर की पंचायतों में प्रतिदिन 2500 सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जा रही हैं। बीते तीन सप्ताह में इस तेज रफ्तार अभियान से गांव की गलियों, चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर रौशनी फैल रही है। अब तक 7,53,143 सोलर लाइटें राज्य की विभिन्न पंचायतों और वार्डों में लगाया जा चुका है।
सोलर लाइटों की यह स्थापना न केवल गांवों को रोशन कर रही है, बल्कि स्वच्छ ऊर्जा के प्रयोग को भी बढ़ावा दे रही है। बिजली की निर्भरता को कम करते हुए सोलर लाइटें पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को दर्शाता है। इस परियोजना से पंचायतें अब ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं।
जहां पहले शाम ढलते ही अंधेरा छा जाता था, वहीं अब गांवों की गलियां और सड़कें रात में भी जगमगाती नजर आ रही हैं। इससे न केवल ग्रामीणों की सुरक्षा बढ़ी है, बल्कि ग्रामीण जीवन की गतिविधियों में भी सहजता आई है। दुकानदारों, राहगीरों और छात्रों को अब बेहतर रौशनी मिल रहा है।
सोलर लाइट परियोजना के साथ-साथ पंचायती राज विभाग की डिजिटल सेवाओं का भी व्यापक असर देखा जा रहा है। राज्य की पंचायतों में संचालित आरटीपीएस (Right to Public Services) केंद्रों पर अब तक 14,85,340 आवेदन प्राप्त हो चुका है। यह केंद्र ग्रामीणों को प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र जैसी मूलभूत सुविधाएं घर के पास मुहैया करा रहा है।
बुधवार को पंचायती राज विभाग के सचिव मनोज कुमार की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आया है। बैठक में ग्रामीण विकास की दिशा में हो रहे प्रयासों की सराहना की गई और सोलर लाइट परियोजना को तेजी से आगे बढ़ाने पर बल दिया गया।इस योजना से स्पष्ट है कि बिहार सरकार गांवों को आत्मनिर्भर और सुरक्षित बनाने की दिशा में सजग है।
