तारों सी नाक वाला अनोखा जीव - “स्टार-नोज मोल”

Jitendra Kumar Sinha
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प्रकृति, रहस्यों से भरी हुई है और उसमें कुछ जीव इतने अनोखे होते हैं कि पहली नजर में वह किसी काल्पनिक दुनिया से आया हुआ लगता हैं। ऐसा ही एक जीव है “स्टार-नोज मोल (Star-Nosed Mole)”, जो अपनी ताराकार नाक और बिजली सी तेजी से चीजों को पहचानने की क्षमता के कारण दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

“स्टार-नोज मोल” मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका के पूर्वी हिस्सों में पाया जाता है। यह जीव गीली मिट्टी, दलदली क्षेत्र, और झीलों के किनारे रहना पसंद करता है। इसका रहन-सहन भूमिगत होता है और यह अधिकतर समय जमीन के नीचे सुरंगें बनाकर जीवन व्यतीत करता है।

“स्टार-नोज मोल” दिखने में आम मोल्स की तरह ही होता है, छोटा सा शरीर, मुलायम फर, छोटे-छोटे पैर और मजबूत पंजे, जिनसे वह बड़ी आसानी से मिट्टी खोद सकता है। लेकिन जो बात इसे सबसे खास बनाती है, वह है इसकी नाक, जो किसी तारे की तरह फैली होती है।

इसकी नाक में कुल 22 गुलाबी टेंटेकल्स होता हैं, जो तारों जैसी आकृति बनाता हैं। यह टेंटेकल्स देखने में जितने अनोखे हैं, उतने ही विज्ञान के नजरिए से चमत्कारी भी हैं।

“स्टार-नोज मोल” अंधा होता है, लेकिन उसकी नाक इतनी ज्यादा संवेदनशील है कि वही उसकी आंखों का काम करती है। इस जीव की नाक में लगभग 25,000 स्पर्श रिसेप्टर्स होता हैं, जिन्हें Eimer’s organs कहा जाता है। यह रिसेप्टर्स इतनी बारीकी से स्पर्श को पहचान सकता हैं कि यह मोल एक सेकंड में 12 वस्तुओं को पहचान सकता है। यानि, यह जीव दुनिया के सबसे तेज स्पर्श आधारित पहचानकर्ताओं में से एक है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, “स्टार-नोज मोल” का निर्णय क्षमता इतनी तेज है कि वह कुछ मिलीसेकंड में यह तय कर लेता है कि किसी वस्तु को खाना है या नहीं। उसकी यह गति कंप्यूटर से तुलना किया जाए तो वह एक बायोलॉजिकल सुपरकंप्यूटर की तरह काम करता है।

“स्टार-नोज मोल” न सिर्फ प्रकृति की रचनात्मकता का एक शानदार उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देखने की क्षमता के बिना भी कोई जीव अद्भुत दक्षता और सूझबूझ से जी सकता है। यह जीव विज्ञान और न्यूरोसाइंस के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।


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