दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मंगलवार को एक बड़ा हादसा टल गया जब हांगकांग से दिल्ली पहुंची एयर इंडिया की फ्लाइट AI-315 के लैंडिंग के तुरंत बाद विमान के पिछले हिस्से में आग लग गई। घटना उस वक्त हुई जब यात्री विमान से उतर रहे थे। बताया गया कि आग सहायक पावर यूनिट (APU) में लगी, जो विमान के पीछे स्थित होता है और ग्राउंड पर खड़े विमान को बिजली सप्लाई करता है। सौभाग्य से, समय रहते आग पर काबू पा लिया गया और किसी यात्री या क्रू मेंबर को कोई नुकसान नहीं हुआ। विमान ग्राउंड पर था, यात्री धीरे-धीरे बाहर निकल रहे थे, तभी अचानक धुआं उठता दिखा। ग्राउंड स्टाफ ने तुरंत सतर्कता दिखाई और फायर टीम को अलर्ट किया। एयर इंडिया की तकनीकी टीम ने बताया कि APU ऑटोमेटिकली बंद हो गया था, जिससे स्थिति नियंत्रण में आ गई। विमान में सवार सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
विमान में कुल 178 यात्री सवार थे और सभी को सुरक्षित बाहर निकाला गया। किसी को भी चोट नहीं आई। विमान को तत्काल ग्राउंड किया गया और DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) को सूचना दे दी गई। एयर इंडिया ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि सभी सुरक्षा मानकों का पालन किया गया और जांच जारी है। कंपनी ने तकनीकी टीम को तुरंत मौके पर भेजा और प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग APU में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से लगी हो सकती है। DGCA ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। विमान को फिलहाल सेवा से बाहर रखा गया है और उसके सभी सिस्टम की जांच की जा रही है।
इस घटना ने हाल के दिनों में एयर इंडिया के सामने आई कई तकनीकी गड़बड़ियों की याद दिला दी है। इससे एक दिन पहले मुंबई एयरपोर्ट पर एयर इंडिया का एक विमान रनवे से हट गया था और एक अन्य फ्लाइट को तकनीकी खराबी के चलते टेकऑफ से पहले रोक दिया गया था। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं, हालांकि एयर इंडिया का कहना है कि सुरक्षा हमेशा उनकी प्राथमिकता रही है और किसी भी घटना को हल्के में नहीं लिया जाता।
फिलहाल राहत की बात यह है कि इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन यह एक चेतावनी जरूर है कि तकनीकी निरीक्षण और विमान रखरखाव में किसी भी तरह की ढिलाई भविष्य में गंभीर परिणाम ला सकती है। एयरलाइन उद्योग में यात्रियों का भरोसा बनाए रखना सबसे अहम है और ऐसी घटनाएं उस भरोसे को चोट पहुंचा सकती हैं। अब सबकी नजर DGCA की जांच रिपोर्ट पर टिकी है, जो यह बताएगी कि आखिर विमान में आग लगने का असली कारण क्या था और इसे भविष्य में कैसे रोका जा सकता है।
