नवीन रिपोर्ट के अनुसार, अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI‑171 का Boeing 787‑8 ड्रिमलाइनर टेक‑ऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दोनों इंजनों के फ्यूल कंट्रोल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ पर चले गए, जिससे इंजन फ्यूल सप्लाई कट गई और दोनों पायलटों के बीच इस भ्रम को लेकर लंबी बातचीत हुई — “तुमने स्विच क्यों बंद किया?” – “मैंने नहीं किया।” हालांकि स्विच को मैन्युअली हिलाना लगभग नामुमकिन है, फिर भी अचानक बंद होना गंभीर सवाल खड़े करता है।
इस खबर के तुरंत बाद, यूएस विमानन नियामक FAA और बोइंग ने स्पष्ट किया कि स्विच की डिज़ाइन और लॉकिंग फीचर्स पूरी तरह सुरक्षित हैं, और फिलहाल किसी भी एयरवर्थनेस डायरेक्टिव की ज़रूरत नहीं देखी गई। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर यह आरोप लग रहे हैं कि अमेरिकी सरकार बोइंग की सुरक्षा में जुटी है, ताकि संभव दोषों को छिपाया जा सके।
जांच एजेंसी AAIB प्रारंभिक रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप चुकी है, लेकिन अंतिम निष्कर्ष अभी सार्वजनिक नहीं हुए। तकनीकी जांच में 2019 और 2023 में थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल बदला गया था, जिसे स्विच फेल्यर से जोड़ा जा सकता है, लेकिन अभी तक इस कनेक्शन की पुष्टि नहीं हुई है। FAA ने 2018 में एक एडवाइजरी जारी की थी जिसमें स्विच लॉक मैकेनिज्म संभावित अलग होने की बात कही गई थी, लेकिन वह अनिवार्य नहीं थी, और एयर इंडिया ने यह जांच नहीं करवाई।
बोइंग 787‑8 के डिज़ाइन में हाइड्रोलिक सिस्टम की जगह इलेक्ट्रिकल सिस्टम का ज़ोर है, और इसमें GE GEnx इंजन और FADEC सिस्टम का उपयोग होता है। स्विच कट‑ऑफ में जाने के बाद FADEC ने ऑटोमैटिक रीस्टार्ट की कोशिश की, जिससे इंजन 1 ने थोडा थ्रस्ट हासिल किया पर इंजन 2 पूरी तरह से रिस्टार्ट नहीं हो पाया।
अमेरिकी जांच एजेंसियाँ जैसे एनटीएसबी, FAA, साथ ही बोइंग और GE भी जांच में भाग ले रहे हैं। संसद में संसदीय समिति बनाई जा चुकी है, जिसमें नागरिक उड्डयन सचिव और बोइंग के अधिकारी को तलब भी किया गया है; तकनीकी जानकारी आने वाले 10 दिनों में मिलनी अपेक्षित है।
यह हादसा Boeing 787 के इतिहास में पहला फेटल एक्सीडेंट है, जिसमें 242 लोग सवार थे—241 की मौत हो गई, एक यात्री बचा और मलबे पर जमीन पर 19 लोगों की और जान गई, कुल मिलाकर 260 जानें चली गईं।
इस पूरी घटना से यह स्पष्ट होता है कि आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक विमानन में सिर्फ कुछ सेकंड की गड़बड़ी भी बेहद विनाशकारी साबित हो सकती है। अभी जांच अधूरी है — क्या यह तकनीकी त्रुटि थी, सॉफ़्टवेयर बग था, मेंटेनेंस चूक थी या किसी तरह की छिपी हुई डिज़ाइन खामी — इसका पता लगना अभी बाकी है।
