बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 21 जुलाई 2025 से शुरू हुआ है और यह 25 जुलाई तक चलेगा। यह 17वीं विधानसभा का अंतिम मानसून सत्र माना जा रहा है, क्योंकि इसके बाद राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस सत्र में नीतीश सरकार कुल 12 विधेयक पेश करेगी, जिनमें जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय विधेयक, गीग वर्कर्स व छोटे दुकानदारों के श्रमिकों से जुड़े विधेयक, भूमि विवाद समाधान, नगर निकायों के अधिकार विस्तार और अन्य संशोधन विधेयक शामिल हैं। पहले दिन करीब 50,000 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा।
विपक्ष इस सत्र को लेकर पूरी तरह आक्रामक है। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं, कानून व्यवस्था चरमरा चुकी है और बिजली संकट बना हुआ है। इन सभी मुद्दों को लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामे की योजना बनाई है।
इसी बीच राजनीतिक गलियारों में तेज प्रताप यादव की मौजूदगी को लेकर भी हलचल है। हाल ही में उन्हें राजद से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष को इस बारे में कोई औपचारिक सूचना नहीं दी गई है। ऐसे में तेज प्रताप अगर सदन में आते हैं, तो वह तेजस्वी यादव के बगल में बैठ सकते हैं, जिससे दोनों भाइयों के बीच टकराव की स्थिति बन सकती है।
राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वह बिना किसी सुरक्षा गार्ड के बिहार का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें जनता पर पूरा भरोसा है और वही उनकी असली सुरक्षा है। प्रशांत किशोर ने लालू, नीतीश और मोदी से मुक्ति की बात करते हुए इस विधानसभा चुनाव को अपनी “जन सराज” यात्रा की अग्निपरीक्षा करार दिया है।
मौसम विभाग ने पटना, नालंदा समेत बिहार के कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटों में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। प्रशासन ने लोगों से खराब मौसम में सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
इन सभी घटनाओं ने मिलकर बिहार की राजनीति और समाज को अगले कुछ दिनों के लिए काफी सक्रिय और संवेदनशील बना दिया है। विधानसभा का यह सत्र न सिर्फ विधायी कार्यों के लिहाज़ से, बल्कि राजनीतिक समीकरणों के दृष्टिकोण से भी बेहद अहम माना जा रहा है।
