तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर अपने परिवार से संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अब वे अपने पिता लालू प्रसाद यादव से बात नहीं करते। हालांकि मां राबड़ी देवी अब भी उनका ख्याल रखती हैं और समय-समय पर आम भेजती रहती हैं। तेज प्रताप ने कहा कि मां रोज फोन करके पूछती हैं कि क्या खाया, सब ठीक है या नहीं, और कभी-कभी आम भी भिजवाती हैं। लेकिन लालू यादव से बातचीत पूरी तरह बंद है।
तेज प्रताप ने यह भी कहा कि अब वे जब कुछ बन जाएंगे तभी पिता के पास जाएंगे। उनका इशारा था कि जब वे खुद को साबित कर लेंगे, तब ही वे लालू यादव से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल वे अपने सरकारी आवास पर ही रहेंगे और किसी से कोई उम्मीद नहीं रखते।
तेज प्रताप यादव का यह बयान ऐसे समय आया है जब राजद परिवार में लंबे समय से तनाव चल रहा है। तेज प्रताप और उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव के बीच दूरियाँ अब किसी से छिपी नहीं हैं। हालांकि तेज प्रताप ने यह भी साफ किया कि उनकी लड़ाई तेजस्वी से नहीं है, बल्कि उन लोगों से है जो कुर्सी और सत्ता के पीछे भाग रहे हैं। उन्होंने खुद को अर्जुन और तेजस्वी को कृष्ण बताया और कहा कि जो भी अर्जुन को कृष्ण से अलग करने की कोशिश करेगा, वो कभी सफल नहीं होगा।
यह बयान तेज प्रताप के उस मनोभाव को दर्शाता है जिसमें वे अपने परिवार से जुड़ाव तो महसूस करते हैं, लेकिन राजनीतिक और निजी कारणों से दूरी बनाए हुए हैं। लालू परिवार की ये पारिवारिक दरार अब पूरी तरह सार्वजनिक हो चुकी है और इसका असर आने वाले राजनीतिक घटनाक्रमों पर भी साफ दिखाई देगा।
तेज प्रताप के इन बयानों से यह स्पष्ट है कि उनके दिल में पिता के लिए सम्मान है लेकिन भावनात्मक दूरी अब भी कायम है। मां के प्रति प्रेम और स्नेह बना हुआ है, लेकिन लालू यादव से संवाद टूट चुका है। ये घटनाक्रम न केवल परिवार के भीतर की खटास को उजागर करता है, बल्कि राजद की राजनीति में भी हलचल ला सकता है।

