क्या एलन मस्क को अमेरिका से डिपोर्ट किया जा सकता है ?

Jitendra Kumar Sinha
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डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच हाल ही में जुबानी जंग ने एक नया मोड़ ले लिया है। ट्रंप ने मज़ाकिया लेकिन तीखे अंदाज़ में यह कहा कि एलन मस्क को अमेरिका से डिपोर्ट किए जाने की संभावना पर विचार किया जा सकता है। इस टिप्पणी के बाद यह सवाल ज़ोर पकड़ गया कि क्या वाकई एलन मस्क को अमेरिका से निकाला जा सकता है?


मामला शुरू हुआ एलन मस्क की कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियों और सोशल मीडिया पोस्ट से, जिनमें उन्होंने ट्रंप के राजनीतिक रवैये और कुछ सरकारी निर्णयों की खुलकर निंदा की थी। जवाब में ट्रंप ने कहा कि मस्क को "सरकारी सब्सिडी पर पलने वाला" बताया और दावा किया कि अगर सरकार की मदद बंद कर दी जाए तो मस्क की कंपनियां बंद हो जाएंगी और उन्हें दक्षिण अफ्रीका लौटना पड़ेगा, जहां वे मूल रूप से पैदा हुए थे।


अब बात आती है इस धमकी की हकीकत पर। एलन मस्क साल 2002 से अमेरिकी नागरिक हैं। अमेरिकी नागरिकों को डिपोर्ट करना सामान्य परिस्थितियों में संभव नहीं होता। केवल तभी कोई व्यक्ति अमेरिका से निकाला जा सकता है जब यह साबित हो जाए कि उसने नागरिकता प्राप्त करते समय किसी तरह की धोखाधड़ी की थी या झूठी जानकारी दी थी। एलन मस्क के मामले में ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है।


कुछ ट्रंप समर्थकों ने दावा किया कि मस्क “अवैध अप्रवासी” हैं, लेकिन यह बयान पूरी तरह से गलत है क्योंकि मस्क ने वैध रूप से ग्रीन कार्ड और फिर नागरिकता प्राप्त की थी। मस्क ने इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप को "पुराने दौर की राजनीति का प्रतीक" बताया और कहा कि अमेरिका को भविष्य की ओर देखना चाहिए, न कि अतीत में उलझे रहना चाहिए।


इस पूरे घटनाक्रम में राजनीतिक रंग साफ देखा जा सकता है। ट्रंप चुनावी मौसम में हैं और एलन मस्क जैसे प्रभावशाली लोगों पर निशाना साधना उन्हें सुर्खियों में बनाए रखता है। वहीं मस्क, जो खुद को फ्री-स्पीच चैंपियन और टेक्नोलॉजी इनोवेटर के रूप में पेश करते हैं, ट्रंप के बयानों को लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताते रहे हैं।


कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रंप की धमकी का कोई व्यावहारिक आधार नहीं है। मस्क की नागरिकता वैध है और अमेरिका के नागरिकों को इतनी आसानी से देश से नहीं निकाला जा सकता। ट्रंप द्वारा इस्तेमाल किए गए “DOGE” शब्द को कुछ लोगों ने मज़ाकिया समझा तो कुछ ने इसे एक एजेंसी का नाम माना, लेकिन इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।


इस पूरे विवाद से साफ है कि यह मामला असली कानूनी कार्रवाई से ज़्यादा राजनीतिक बयानबाज़ी और व्यक्तिगत झगड़े का हिस्सा है। एलन मस्क को डिपोर्ट करने की कोई संवैधानिक संभावना नहीं है, और ट्रंप का यह बयान महज एक चुनावी तंज है।


अमेरिका की राजनीति में यह नया ‘मस्क बनाम ट्रंप’ अध्याय इस बात का संकेत है कि भविष्य में टेक्नोलॉजी और राजनीति के बीच टकराव और तेज़ हो सकता है। लेकिन फिलहाल, एलन मस्क कहीं नहीं जा रहे।

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