नवीनतम Henley पासपोर्ट सूचकांक (जुलाई 2025) में भारत सबसे बड़ी छलांग लगाने वाला देश बना। छह महीनों में भारत ने 85वें स्थान से आठ स्थान ऊपर उठकर 77वीं रैंक हासिल की। अब भारतीय पासपोर्ट से 59 देशों में बिना वीजा या आगमन पर वीजा की सुविधा है। इस छलांग ने वैश्विक गतिशीलता में भारत की बढ़ती कूटनीतिक ताकत को प्रदर्शित किया है।
उल्लेखनीय रूप से, इस चाल से अमेरिकी और ब्रिटिश पासपोर्ट भी पीछे छूटे—अमेरिका 10वें और यूनाइटेड किंगडम 6वें स्थान पर हैं, जो उनके पिछले प्रदर्शन की तुलना में गिरावट है। एशियाई देशों में सिंगापुर नेतृत्व में है, उसके बाद जापान और दक्षिण कोरिया हैं। हेनली पासपोर्ट सूचकांक में ऊपर की रैंकिंग दर्ज करने के लिए देशों की पासपोर्ट सुविधा से अधिक उनकी कूटनीतिक रणनीति मायने रखती है।
इस बदलाव का लाभ भारतीय यात्रियों को मिल रहा है—मलेशिया, इंडोनेशिया, मालदीव, श्रीलंका, थाइलैंड और म्याकाऊ जैसे लोकप्रिय गंतव्य अब और आसान हो गए हैं। लेकिन भारत अब भी शीर्ष‑10 से काफी पीछे है, जिनके पास जारी वैश्विक जहाँ तक वीजा-मुक्त पहुंच है।
