बुधवार को बिहार विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान भारी हंगामा हुआ जब आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने सदन में “विधानसभा किसी के बाप की जगह नहीं है” कह दिया। यह टिप्पणी तेजस्वी यादव की SIR (मतदाता सूची की विशेष पुनरीक्षण) पर बहस के दौरान आई। इसके तुरंत बाद विपक्ष और सत्ता दोनों पक्षों में संघर्ष छिड़ गया।
डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई और स्पीकर नंद किशोर यादव से भाई वीरेंद्र से माफ़ी की मांग की। लेकिन जब उन्होंने माफी नहीं दी, तो स्पीकर नाराज़ होकर सदन से उठकर चले गए।
भाई वीरेंद्र का कहना था कि माफ़ी नहीं मांगेंगे, क्योंकि उन्होंने गलत कुछ नहीं कहा। इसके बाद विजय सिन्हा ने इसे 1990 के दशक के 'जंगलराज' और 'गुंडाराज' की आदत बताकर निंदा की।
स्पीकर ने विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों को फटकार लगाई और कहा कि “आप हंगामा करना चाहते हैं, या मैं?” उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सदन का संचालन केवल नियमों के अनुसार चलेगा।
सत्र की सुबह की कार्यवाही मात्र 23–24 मिनट चली और फिर इसे स्थगित कर दिया गया। दूसरी पाली में विपक्ष ने वॉकआउट किया, जबकि सरकार ने अपनी विधायी कार्यवाही पूरा की।
तेजस्वी यादव स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश करते दिखे और उन्होंने भाई वीरेंद्र की ओर से माफ़ी मांगी, लेकिन अधिकांश मांग सीधे उनकी ओर थी।
