हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनके पास न कोई फंड है, न अधिकारी और न कोई कैबिनेट। उन्होंने कहा कि सांसद के तौर पर उनकी भूमिका केवल केंद्र सरकार से फंड की मांग करना और राज्य सरकार को ज़मीन पर हालात की जानकारी देना है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का पैसा सीधे सांसद या पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पास नहीं आता, बल्कि उसे लागू करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी होती है।
कंगना ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि राहत और बचाव कार्यों में घोर लापरवाही बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ बयानबाज़ी कर रही है, जबकि ज़मीन पर लोगों की जान और संपत्ति खतरे में है। उन्होंने विश्वास जताया कि हिमाचल में कांग्रेस अब लंबे समय तक सत्ता में नहीं लौट पाएगी।
उन्होंने अपनी गैरहाज़िरी पर उठे सवालों पर सफाई देते हुए कहा कि वह लगातार केंद्र सरकार के संपर्क में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को स्थिति से अवगत करा चुकी हैं। उनके मुताबिक, केंद्र सरकार की ओर से सेना और राहत सामग्री भेजी जा चुकी है और राहत अभियान ज़ोरों पर चल रहा है।
कंगना ने यह भी कहा कि उनके पास कोई प्रशासनिक टीम नहीं है और इस समय उनके केवल दो भाई ही उनके साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "यही मेरी कैबिनेट है।" विपक्ष ने उनके इस बयान को असंवेदनशील बताया और उन पर आपदा को हल्के में लेने का आरोप लगाया।
कुल मिलाकर, कंगना रनौत ने जहां अपनी भूमिका को सीमित बताते हुए खुद को सक्रिय बताया, वहीं उन्होंने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए राहत कार्यों में विफलता का ठीकरा कांग्रेस सरकार के सिर फोड़ा है। विपक्ष ने उनके बयानों को गैरजिम्मेदाराना बताया और उन्हें जनता की पीड़ा से दूर रहने का आरोप लगाया।
