नेशनल एक्सप्रेसवे 7 (NE-7), जिसे आम भाषा में कोलार हाईवे कहा जा रहा है, भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी सड़क परियोजना है जो देश के दक्षिणी हिस्से के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाली है। यह एक्सप्रेसवे बेंगलुरु से चेन्नई के बीच एक तेज, सुरक्षित और अत्याधुनिक कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। कोलार, जो कर्नाटक का एक ऐतिहासिक और औद्योगिक शहर है, इस एक्सप्रेसवे का एक प्रमुख पड़ाव बन चुका है।
NE-7, भारतमाला परियोजना और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे नीति के अंतर्गत बनाया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय को घटाएगा, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी प्रोत्साहित करेगा। यह एक्सप्रेसवे 262 किलोमीटर लंबा होगा और इसे छह लेन में विकसित किया जा रहा है। पूरी सड़क हाई-स्पीड ट्रैफिक के लिए डिज़ाइन की जा रही है और इसमें आधुनिक टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा, जैसे कि ऑटोमेटिक टोलिंग सिस्टम, CCTV निगरानी, सौर ऊर्जा लाइटिंग, और ईवी चार्जिंग स्टेशन।
कोलार इस एक्सप्रेसवे का एक मुख्य केंद्र बनने वाला है। कोलार पहले ही सेब, दूध उत्पादन और सोने की खानों के लिए जाना जाता है, लेकिन NE-7 के बनने के बाद यह एक नया औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स हब बन सकता है। एक्सप्रेसवे के चलते बेंगलुरु से कोलार तक की दूरी महज 45–60 मिनट में पूरी की जा सकेगी, जिससे रोज़ाना आने-जाने वाले यात्री और कारोबारी दोनों को राहत मिलेगी।
यह परियोजना न केवल कर्नाटक बल्कि तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के हिस्सों को भी फायदा पहुंचाएगी। बेंगलुरु–चेन्नई कॉरिडोर पहले से ही आर्थिक दृष्टिकोण से अत्यधिक सक्रिय है और NE-7 उसे एक नए स्तर पर पहुंचा देगा। विशेष रूप से ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर में यह एक्सप्रेसवे हजारों लोगों को रोजगार देगा। साथ ही, इससे छोटे और मझोले उद्योगों को भी बड़ा फायदा होगा क्योंकि उन्हें तेज और सस्ती परिवहन सुविधा मिलेगी।
NE-7 का निर्माण कार्य ज़ोरों पर चल रहा है और उम्मीद की जा रही है कि इसका पहला चरण 2026 के अंत तक पूरा हो जाएगा। सड़क निर्माण में इस्तेमाल होने वाली तकनीकें पूरी तरह पर्यावरण के अनुकूल हैं और सड़क किनारे हरियाली और साउंड बैरियर्स जैसे उपायों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
हालांकि स्थानीय स्तर पर भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय चिंताओं को लेकर कुछ विवाद जरूर हुए हैं, लेकिन सरकार का दावा है कि सभी प्रभावित किसानों और ज़मीन मालिकों को उचित मुआवज़ा और पुनर्वास सुविधा प्रदान की जा रही है।
NE-7 कोलार हाइवे न केवल एक सड़क है, बल्कि यह भारत के बदलते विकास मॉडल की एक जीवंत मिसाल है। यह एक्सप्रेसवे न सिर्फ शहरों को जोड़ेगा, बल्कि सपनों को भी गति देगा। आने वाले समय में कोलार और आस-पास के क्षेत्रों का कायाकल्प इसी सड़क के किनारे लिखा जाएगा।
