पहलगाम हमले का मास्टरमाइंड हाशिम मूसा श्रीनगर में एनकाउंटर में ढेर

Jitendra Kumar Sinha
0

 



जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में एक बेहद संवेदनशील और हाई-प्रोफाइल एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने पनाहलगाम आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाशिम मूसा को मार गिराया है। हाशिम मूसा, जो पाकिस्तान की स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) का पूर्व कमांडो रह चुका था, पिछले कई महीनों से भारत में कई आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था। 22 अप्रैल को हुए पनाहलगाम हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या में उसका सीधा हाथ था। यह हमला भारत के सबसे क्रूर और सुनियोजित आतंकी हमलों में से एक माना गया, जिसमें पर्यटकों को निशाना बनाया गया था।


हाशिम मूसा श्रीनगर के डाचीगाम नेशनल पार्क के पास छिपा हुआ था और सुरक्षा एजेंसियों ने उसकी गतिविधियों पर करीब 14 दिनों तक गुप्त निगरानी रखी थी। तकनीकी खुफिया और ग्राउंड इंटेलिजेंस की मदद से ऑपरेशन ‘महादेव’ शुरू किया गया। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF ने संयुक्त रूप से हिस्सा लिया और तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया, जिनमें हाशिम मूसा के अलावा जिब्रान और हमज़ा अफ़ग़ानी उर्फ यासिर भी शामिल थे। हाशिम मूसा को लेकर खुफिया एजेंसियों को यह जानकारी थी कि वह लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम कर रहा था और कई आतंकी मॉड्यूल्स का प्रशिक्षक भी था।


एनकाउंटर स्थल से भारी मात्रा में हथियार बरामद किए गए, जिनमें एके-47, ग्रेनेड, वायरलेस सेट और विदेशी निर्माण की बंदूकें शामिल थीं। माना जा रहा है कि ये आतंकी एक और बड़े हमले की तैयारी में थे, जिसे सुरक्षाबलों ने समय रहते विफल कर दिया। हाशिम मूसा की मौत को सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, क्योंकि वह पिछले एक साल से घाटी में आतंक की नई लहर को हवा देने की कोशिश कर रहा था।


हाशिम मूसा के खिलाफ पहले से ही कई FIR दर्ज थीं और वह पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में प्रशिक्षण लेकर आया था। पिछले कुछ महीनों में उसने सोशल मीडिया के ज़रिए कई स्थानीय युवाओं को उकसाने और कट्टरपंथी बनाने की भी कोशिश की थी। पनाहलगाम हमले के बाद उसे टॉप मोस्ट वांटेड की लिस्ट में रखा गया था। इस ऑपरेशन की सफलता के बाद गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों को बधाई दी है और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने के निर्देश दिए हैं।


इस एनकाउंटर ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि भारत अपनी सरज़मीन पर आतंक का कोई नामोनिशान नहीं रहने देगा। ऑपरेशन महादेव जैसे मिशन भारत की सुरक्षा नीति की दृढ़ता और क्षमता का प्रमाण हैं। सरकार अब डिजिटल सर्विलांस, स्थानीय इंटेलिजेंस और सामरिक ताकत को एकीकृत कर ऐसे आतंकियों को निशाना बना रही है जो सीमा पार से आतंक को प्रायोजित कर देश को अस्थिर करना चाहते हैं। हाशिम मूसा का खात्मा इस लड़ाई में एक निर्णायक मोड़ है, जिससे घाटी में शांति बहाली के प्रयासों को बल मिलेगा।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top