कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के संभावित गठबंधन पर तीखा तंज कसा है। उन्होंने सुझाव दिया कि इस नए गठबंधन को 'TVA' यानी 'ठाकरे विकास आघाड़ी' नाम दिया जाना चाहिए। संजय निरुपम ने यह बयान ऐसे समय पर दिया है जब उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच हाल ही में मुलाकात हुई थी, जिसे राजनीतिक गलियारों में संभावित गठबंधन के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
निरुपम ने व्यंग्य करते हुए कहा कि अगर दोनों ठाकरे भाई साथ आते हैं, तो कांग्रेस को सावधान हो जाना चाहिए, क्योंकि यह 'विकास' के नाम पर वोट बटोरने की नई रणनीति हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि इस गठबंधन से बीजेपी को तो ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन कांग्रेस और एनसीपी के वोटबैंक पर असर जरूर पड़ेगा।
संजय निरुपम का यह बयान कांग्रेस के भीतर चल रही खींचतान को भी उजागर करता है, खासकर महाराष्ट्र की राजनीति में बदलते समीकरणों को लेकर। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति अब विचारधारा से ज्यादा अवसरवाद पर आधारित हो गई है, जहां पुराने दुश्मन भी दोस्त बन सकते हैं।
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की मुलाकात के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मच गई है। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर ये दोनों नेता एकजुट होते हैं, तो 2024 और 2029 के चुनावों में यह गठबंधन मराठी वोटों को एकजुट कर सकता है। हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि दोनों पार्टियां वास्तव में गठबंधन करने जा रही हैं।
निरुपम के TVA वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। कुछ लोग इसे मजाकिया बता रहे हैं तो कुछ इसे गंभीर राजनीतिक संकेत मान रहे हैं। कुल मिलाकर, महाराष्ट्र की राजनीति में 'ठाकरे बनाम ठाकरे' का जो दौर बीते वर्षों में देखा गया था, वह अब 'ठाकरे + ठाकरे' में बदलने की कगार पर दिख रहा है।
