तेजप्रताप पर तेजस्वी की खास टिप्पणी: पायलट, संत और रील स्टार की अनोखी पहचान

Jitendra Kumar Sinha
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तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव की अनोखी शैली में जमकर तारीफ़ की है, जिससे बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। उन्होंने कहा कि तेजप्रताप पायलट भी हैं, संत भी हैं, बांसुरी बजाते हैं, बेहतरीन विधायक हैं और रील भी शानदार बनाते हैं। इस बयान को जहाँ एक ओर भाईचारे की भावना के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इसे राजनीतिक संकेत के तौर पर भी समझा जा रहा है—एक तरह की भावनात्मक ढाल जो हाल ही में तेजप्रताप को पार्टी से निकाले जाने के बाद सामने आई है।


तेजप्रताप यादव को हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था। इसका कारण था उनकी सार्वजनिक गतिविधियाँ और एक लड़की के साथ अपने निजी संबंधों को लेकर दिया गया बयान, जो पार्टी के अनुशासन के विरुद्ध माना गया। निष्कासन के बाद तेजप्रताप ने खुद को न केवल पार्टी से, बल्कि परिवार से भी अलग मानने की बात कही और ऐलान किया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव महुआ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़ेंगे।


इन घटनाओं के बीच तेजप्रताप की निजी उपलब्धियाँ भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उन्होंने हाल ही में पायलट बनने की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन की चयन प्रक्रिया में उन्होंने सफलता प्राप्त की है और अब वे बिहार फ्लाइंग इंस्टीट्यूट से कमर्शियल पायलट ट्रेनिंग लेने जा रहे हैं। उनका कहना है कि वे देश सेवा के लिए आसमान से योगदान देना चाहते हैं।


तेजप्रताप की सोशल मीडिया पर सक्रियता और रील बनाने की कला भी उन्हें युवाओं में लोकप्रिय बनाती है। वे खुद को 'युवाओं का संत' कहकर संबोधित करते हैं और धार्मिक गतिविधियों, ध्यान, योग, और सोशल मीडिया रीलों के ज़रिए अपनी एक अनोखी छवि बनाना चाहते हैं। उनकी यह शैली पारंपरिक राजनीति से अलग है, जिससे वे एक अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं।


तेजस्वी यादव की ओर से इस समय तेजप्रताप की खुलकर की गई तारीफ़, राजनीतिक रूप से भी अहम मानी जा रही है। भले ही पार्टी ने तेजप्रताप को निष्कासित कर दिया हो, लेकिन तेजस्वी के इस सकारात्मक रुख को कुछ विश्लेषक भविष्य में संबंधों की संभावित मरम्मत की दिशा में एक कदम मान रहे हैं।


बिहार की राजनीति में जहां लालू प्रसाद यादव का परिवार हमेशा सुर्खियों में रहा है, वहीं अब नई पीढ़ी के नेता अपनी-अपनी राहें बना रहे हैं—कोई सियासत की ज़मीन पर, तो कोई आसमान की उड़ान में। तेजप्रताप की छवि एक परंपरागत नेता से कहीं अधिक एक खोजी, आत्म-अभिव्यक्तिशील और आध्यात्मिक इंसान की बन रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में उनकी राजनीतिक दिशा और सामाजिक भूमिका को लेकर कई नए मोड़ देखने को मिल सकते हैं।

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