तेजस्वी यादव ने स्पेशल इंटेंसिव रिविज़न (SIR) को गैर-पारदर्शी बताया और विधानसभा में कहा कि गरीब और माइग्रेंट श्रमिकों को 11 दस्तावेज़ों की मांग की वजह से परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव से ठीक पहले क्यों शुरू किया गया, जबकि 2003 का संशोधन दो साल में पूरा हुआ था।
तेजस्वी ने ये भी कहा कि चुनावी सूची गरीबों को वोटिंग अधिकार से वंचित करने की कोशिश हो सकती है।
नितीश कुमार ने तेजस्वी को आड़े हाथों लिया और याद दिलाया कि जब उनके माता-पिता (लालू‑राबड़ी यादव) सत्ता में थे, तब लोग शाम के बाद घर से बाहर नहीं निकल पाते थे। उन्होंने विकास का श्रेय अपनी सरकार को दिया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी "बच्चे" की तरह सूझ-बूझ नहीं रखते, और बस चुनाव लड़ना है तो लड़ें, "जो गंदा बोलना हो बोल दो"
