फुलवारीशरीफ स्थित पटना एम्स ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने परिसर में हथियार लेकर प्रवेश करने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया है। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यह निर्णय 30 जुलाई 2025 की रात घटी उस घटना के बाद लिया गया है, जिसने पूरे स्वास्थ्यकर्मी वर्ग को चिंता में डाल दिया था। उस दिन शिवहर के विधायक चेतन आनंद और उनकी पत्नी डॉ. आयुषी के साथ एम्स परिसर में धक्का-मुक्की और दुर्व्यवहार की घटना हुई थी। इसके बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया था और मरीजों एव स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग उठाई थी।
एम्स प्रशासन ने नियम को सख्ती से लागू करने के लिए परिसर में जगह-जगह चेतावनी बोर्ड लगाए हैं। इन बोर्डों पर स्पष्ट शब्दों में लिखा गया है कि किसी भी प्रकार का हथियार लेकर अंदर प्रवेश करना प्रतिबंधित है। यह व्यवस्था न केवल डॉक्टरों व कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है बल्कि मरीजों और उनके परिजनों को भी एक सुरक्षित माहौल प्रदान करने का प्रयास है।
अस्पताल प्रशासन ने साफ कर दिया है कि इस निर्देश का उल्लंघन करने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा कर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी भी परिस्थिति में हथियार लेकर आने वालों को परिसर में प्रवेश न करने दें। इससे पहले अस्पताल में इस तरह की पाबंदी स्पष्ट रूप से लागू नहीं थी, जिससे कई बार अनावश्यक विवाद और भय का वातावरण बन जाता था।
30 जुलाई की घटना के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने खुलकर विरोध जताया था। उनका कहना था कि यदि स्वास्थ्यकर्मी ही सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो मरीजों की सही देखभाल कैसे संभव हो पाएगी। डॉक्टरों ने प्रबंधन से यह भी आग्रह किया था कि सुरक्षा को लेकर ठोस और दीर्घकालिक व्यवस्था की जाए। प्रशासन का यह नया कदम उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
फिलहाल यह नियम मुख्य रूप से सामान्य लोगों पर लागू किया गया है। हालांकि, आगे यह किन-किन लोगों पर प्रभावी होगा, इस पर अभी स्पष्टता नहीं आई है। इस विषय में जानकारी प्राप्त करने के लिए जब एम्स अधिकारियों से संपर्क साधने की कोशिश की गई, तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में इस पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
एम्स देश का प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान है, जहां प्रतिदिन हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। ऐसे में वहां सुरक्षा और अनुशासन का बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। हथियारों पर प्रतिबंध न केवल अस्पताल परिसर को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि डॉक्टरों और मरीजों के बीच विश्वास का माहौल भी कायम करेगा।
