बिहार के 4951 खेल मैदानों में बन रहा है - “बास्केटबॉल कोर्ट”

Jitendra Kumar Sinha
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राज्य सरकार की ग्रामीण खेलों को प्रोत्साहित करने की महत्वाकांक्षी योजना अब धरातल पर आकार लेने लगी है। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत बिहार के विभिन्न जिलों में बनाए जा रहे कुल 5541 खेल मैदानों में से 4951 में “बास्केटबॉल कोर्ट” का निर्माण प्रस्तावित है। ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा में यह जानकारी सामने आई है।

ग्रामीण इलाकों में अब सिर्फ क्रिकेट और कबड्डी तक खेल सीमित नहीं रहेगा। तेजी से बास्केटबॉल जैसे अंतरराष्ट्रीय खेलों को भी गांव-गांव तक पहुंचाने का प्रयास हो रहा है। यह पहल युवाओं को शारीरिक रूप से सशक्त करने के साथ-साथ उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक खेलों में भी शामिल होने का अवसर प्रदान करेगी।

विभागीय आंकड़ों के अनुसार, अब तक 4821 बास्केटबॉल कोर्ट की ढलाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष 130 योजनाओं पर कार्य अंतिम चरण में है और जल्द ही उन्हें भी पूरा कर लिया जाएगा। इसका अर्थ है कि लगभग 97% कार्य अपनी मंजिल तक पहुंच चुका है।

समीक्षा में यह भी बताया गया है कि समस्तीपुर जिला में सभी बास्केटबॉल कोर्टों का कार्य सौ प्रतिशत पूरा हो चुका है, जो कि अन्य जिलों के लिए प्रेरणा है। वहीं दूसरी ओर मधुबनी जिला में मात्र 35% कार्य ही पूर्ण हो पाया है, जो चिंता का विषय है। विभाग ने निर्देश जारी किया है कि कार्य में तेजी लाई जाए और समय सीमा के भीतर सभी निर्माण पूरे किए जाएं।

इस योजना के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को अपने ही गांव में अभ्यास करने और खेल को करियर बनाने का एक बेहतर मंच मिलेगा। बास्केटबॉल जैसे खेलों के लिए पहले शहरों का ही सहारा लेना पड़ता था, लेकिन अब गांवों में भी ऐसे कोर्ट तैयार होने से खेलों का दायरा व्यापक होगा।

मनरेगा अब सिर्फ मजदूरी और सड़कों तक सीमित नहीं रहा। अब इस योजना के जरिए ग्राम्य विकास और युवाओं के शारीरिक सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। रोजगार के साथ-साथ समाज में खेल संस्कृति को बढ़ाने का यह प्रयास, बहुआयामी विकास की ओर संकेत करता है।



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