देश में हाई-स्पीड कनेक्टिविटी को नई उड़ान देने वाले मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की रफ्तार अब जमीन से आसमान की ओर बढ़ रही है। इसी श्रृंखला में अहमदाबाद की साबरमती नदी पर बन रहा 36 मीटर ऊंचा और 480 मीटर लंबा भव्य पुल सुर्खियों में है। यह पुल न केवल इंजीनियरिंग का चमत्कार है, बल्कि यह आधुनिक भारत की अवसंरचना क्षमता का भी प्रतीक बनने जा रहा है।
साबरमती नदी पर बन रहा यह पुल लगभग 118 फीट (36 मीटर) ऊंचा है, जो किसी 12 मंजिला इमारत के बराबर है। इसका विशालकाय ढांचा दूर से ही नजर आने लगता है। यह पुल पश्चिम रेलवे की अहमदाबाद-दिल्ली मुख्य रेल लाइन के पास स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 14.8 मीटर है। यानि यह नया पुल मौजूदा रेलवे नेटवर्क की तुलना में कहीं अधिक ऊंचाई पर है, जिससे दोनों सिस्टम एक-दूसरे को बिना बाधित किए कार्य कर सके।
यह पुल साबरमती और अहमदाबाद बुलेट ट्रेन स्टेशनों के बीच स्थित है। साबरमती स्टेशन से इसकी दूरी मात्र 1 किलोमीटर है जबकि अहमदाबाद बुलेट ट्रेन स्टेशन से यह लगभग 4 किलोमीटर दूर है। इस लोकेशन की विशेषता यह है कि पुल के जरिए न केवल दो प्रमुख स्टेशन जुड़ेंगे, बल्कि बुलेट ट्रेन का मार्ग फ्लाईओवर, मेट्रो कॉरिडोर और रेलवे लाइन से होते हुए शहर के भीतरी हिस्सों से भी आसानी से गुजरेगा।
इस पुल की डिजाइन इस प्रकार किया गया है कि यह न केवल आधुनिक हाई-स्पीड ट्रेन की गति को संभालेगा, बल्कि मौजूदा रेलवे नेटवर्क से पूरी तरह समन्वय बनाकर चलेगा। यह भारत में पहली बार हो रहा है जब एक बुलेट ट्रेन पुल को इतनी ऊंचाई पर तैयार किया जा रहा है जो इंजीनियरिंग के दृष्टिकोण से बेहद जटिल है। बावजूद इसके, निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट देश का पहला हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट है, जो जापानी तकनीक "शिंकानसेन" पर आधारित है। इसकी अधिकतम गति 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। यह प्रोजेक्ट न केवल यात्रियों के लिए यात्रा का अनुभव बदल देगा, बल्कि इससे जुड़े पुल, स्टेशन, सुरंग और अन्य निर्माण देश की इंजीनियरिंग क्षमता को विश्व मानचित्र पर लाने का कार्य कर रहा है।
