नॉर्वे के उत्ताकलेव बीच की रहस्यमयी चट्टान है - “ड्रैगन की आंख”

Jitendra Kumar Sinha
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जब प्रकृति अपनी कल्पनाशीलता से चित्र रचती है, तो वह मानव कला को भी पीछे छोड़ देती है। कुछ ऐसी ही अद्भुत और रहस्यमयी कृति है ‘ड्रैगन की आंख’, जो नॉर्वे के लोफोटेन द्वीपसमूह में स्थित उत्ताकलेव बीच की रेत और चट्टानों के बीच छुपी है। यह अनोखा शिलारूप प्रकृति की अद्वितीय रचनात्मकता का जीवंत प्रमाण है।

‘ड्रैगन की आंख’ नामक यह आकृति वास्तव में एक ग्लेशियल पॉट होल है,  एक प्रकार का प्राकृतिक गड्ढा जो हजारों साल पहले बने ग्लेशियर के नीचे निर्मित हुआ था। यह आकार एक विशाल आंख जैसा प्रतीत होता है, जो किसी पौराणिक ड्रैगन की आंख से मेल खाता है। यह आकृति इतनी सजीव लगती है कि मानो पत्थर की सतह में कोई अद्भुत जीव आंखें खोलकर हमें देख रहा हो।

इस चमत्कारी आकृति का निर्माण आखिरी हिम युग के दौरान हुआ, जब विशाल बर्फीली चादरें जिन्हें वैज्ञानिक फेनोस्कैंडियन आइस शीट कहते हैं, इस क्षेत्र को ढंके हुए थी। जैसे-जैसे तापमान बढ़ा और बर्फ पिघलने लगा, बहते हुए पानी के साथ रेत और छोटे पत्थर भी तेजी से घूमते रहे। इनकी घर्षण क्रिया ने ग्नीस (gneiss) नामक कठोर कायांतरणीय चट्टान में धीरे-धीरे यह गड्ढा तराश दिया।

इसने एक गहरे, गोल और चिकने पॉट होल का रूप ले लिया, जो समय के साथ रंगों और बनावट के मेल से एक आंख जैसा दिखने लगा। इसका केंद्र गहरा काला है, जो पुतली जैसा लगता है, जबकि उसके चारों ओर की परतें सुनहरी, हरी और स्लेटी रंगों में आंख की पलकें और स्क्लेरा (सफेद भाग) जैसी प्रतीत होती हैं।

'ड्रैगन की आंख' अब नॉर्वे आने वाले पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन चुका है। उत्ताकलेव बीच स्वयं ही अपने शांत वातावरण, ऊँची लहरों और सुंदर चट्टानों के कारण प्रकृति प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध है, लेकिन ‘ड्रैगन की आंख’ इसे और भी खास बना देती है।

यह स्थान खासकर फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग जैसा है, जो इस चमत्कारिक आकृति को कैमरे में कैद करने की लालसा रखते हैं। सूर्योदय या सूर्यास्त के समय इस पत्थर की आंख में जो प्रकाश और रंगों का प्रतिबिंब पड़ता है, वह दृश्य अलौकिक सा लगता है।



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