भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब देशभर के सभी 74,000 यात्री कोच और 15,000 लोकोमोटिव (इंजन) में अत्याधुनिक सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। खास बात यह है कि एसी स्लीपर कोच भी इस योजना के तहत लाए गए हैं, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को नया आयाम मिलेगा।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस पहल का मकसद यात्रा के दौरान होने वाली घटनाओं की निगरानी, रोकथाम और आवश्यक साक्ष्य इकट्ठा करना है। ट्रेन में चोरी, छेड़छाड़, महिलाओं से अभद्रता, और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए यह कैमरा कारगर साबित होगा।
इन सीसीटीवी कैमरों को इस प्रकार से लगाया जाएगा कि वे यात्रियों की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखें, खासकर शौचालयों और ड्रेसिंग क्षेत्रों में कैमरे नहीं होंगे। निगरानी केवल सार्वजनिक क्षेत्रों जैसे गलियारे, प्रवेश द्वार, और कोच के भीतर सामान्य हिस्सों तक सीमित रहेगी।
यह कैमरा रात में भी स्पष्ट वीडियो रिकॉर्ड कर सकता है। कैमरा लाइव फीड रेलवे कंट्रोल रूम तक पहुंचाएंगा, साथ ही रिकॉर्डिंग भी सुरक्षित रहेगी। कुछ प्रमुख ट्रेनों में AI तकनीक आधारित चेतावनी सिस्टम भी लागू किया जाएगा, जिससे संदिग्ध गतिविधियों पर तुरंत अलर्ट मिलेगा।
रेलवे ने स्पष्ट किया है कि कैमरों की स्थापना यात्रियों की गोपनीयता को प्रभावित नहीं करेगी। महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों और अन्य यात्रियों की निजता का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इस परियोजना को लागू करने से पहले डेटा प्रोटेक्शन नियमों का भी पालन किया जा रहा है।
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, इस सुरक्षा परियोजना पर लगभग ₹500 करोड़ की लागत आएगी। कैमरे लगाने का कार्य फेज-वाइज किया जाएगा और 2026 तक यह कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
अधिकांश यात्रियों ने रेलवे के इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इससे ना सिर्फ सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि यात्रियों में आत्मविश्वास भी आएगा, खासकर अकेली महिला यात्रियों के लिए यह बेहद फायदेमंद साबित होगा।
रेलवे का यह निर्णय भारतीय ट्रेनों में सफर को और अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और तकनीकी रूप से उन्नत बनाएगा। सीसीटीवी की निगरानी से अपराधों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी और यात्रियों को एक सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा। यह कदम भविष्य में रेलवे सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
