जंगल का अनोखा - “उड़ने वाला सांप”

Jitendra Kumar Sinha
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दुनिया में जीव-जंतुओं की विविधता इतनी विशाल है कि जब-जब हम किसी अनोखी प्रजाति के बारे में जानते हैं, तो प्रकृति की अद्भुत कलाकारी पर हैरानी होती है। ऐसा ही एक अनोखा जीव है “फ्लाइंग स्नेक (Flying Snake)”, जिसे हिन्दी में "उड़ने वाला सांप" कहा जाता है। यह सांप अपनी असाधारण क्षमता यानि हवा में ग्लाइड करने की कला के कारण पूरी दुनिया में मशहूर है।

फ्लाइंग स्नेक मुख्यतः दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया के घने जंगलों में पाया जाता है। भारत, श्रीलंका, थाईलैंड, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों के जंगलों में इसकी उपस्थिति दर्ज की गई है। यह सांप आमतौर पर पेड़ों पर ही रहता है और जमीन पर कम ही उतरता है।

इस सांप को "उड़ने वाला" कहना तकनीकी रूप से पूरी तरह सही नहीं है, क्योंकि यह वास्तव में पक्षियों या चमगादड़ों की तरह उड़ान नहीं भरता। दरअसल, यह पेड़ों के बीच ग्लाइड करता है। जब यह छलांग लगाता है, तो अपने शरीर को अद्भुत तरीके से फैलाकर चपटा कर लेता है। इससे यह हवा में एक पंख जैसी आकृति बना लेता है, जो इसे लंबी दूरी तक फिसलने में मदद करती है।

वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, यह सांप हवा में 100 मीटर तक की दूरी तय करने में सक्षम है। यानि यह पेड़ से पेड़ तक बिना नीचे गिरे यात्रा कर सकता है।

फ्लाइंग स्नेक की यह क्षमता इसकी विशेष शारीरिक रचना के कारण है। छलांग लगाने के दौरान यह अपने पसलियों को बाहर की ओर फैला देता है और शरीर को रिबन जैसा चपटा कर लेता है। साथ ही, यह शरीर को लहरदार ढंग से हिलाता है जिससे हवा में संतुलन बनाए रखता है।

क्या यह इंसानों के लिए खतरनाक है। इस सवाल का जवाब जानना बहुत जरूरी है। फ्लाइंग स्नेक जहरीला तो होता है, लेकिन इसका विष बहुत हल्का होता है और आमतौर पर केवल छोटे शिकार (छिपकली, मेंढक, चिड़िया या कीड़े) को काबू करने में मदद करता है। इंसानों के लिए यह सांप घातक नहीं है।

फ्लाइंग स्नेक की उड़ने जैसी कला ने वैज्ञानिकों को भी आकर्षित किया है। वैज्ञानिक इसका अध्ययन कर यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि यह सांप हवा में कैसे इतना सटीक संतुलन बना लेता है। माना जाता है कि भविष्य में रोबोटिक्स और एयरोडायनमिक्स के क्षेत्र में इसके शोध से प्रेरणा ली जा सकती है।

फ्लाइंग स्नेक प्रकृति का एक जीवंत उदाहरण है कि जीव-जंतु अपनी जरूरत और परिवेश के अनुसार कैसे अद्भुत अनुकूलन (adaptation) कर लेते हैं। पेड़ों से घिरे घने जंगलों में यह सांप अपनी अनोखी उड़न कला से न सिर्फ शिकार करता है, बल्कि खुद को शिकारी जीवों से भी बचाता है।



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