शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह जीवन और पर्यावरण को भी संवारना चाहिए। इसी सोच के साथ बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों में एक अभिनव पहल शुरू की है। अब स्कूलों में जितने बच्चे नामांकित होंगे, उतनी ही संख्या में पौधे लगाए जाएंगे। यह योजना न केवल स्कूलों को हरा-भरा बनाएगी, बल्कि बच्चों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता भी पैदा करेगी।
सरकारी निर्देश के अनुसार, हर नामांकित छात्र को एक पौधा लगाना अनिवार्य होगा। अगर स्कूल परिसर में जगह है, तो पौधे वहीं लगाए जाएंगे। वहीं यदि जगह की कमी है, तो पौधारोपण आसपास के क्षेत्रों में लगाया जाएगा। इस तरह बच्चे अपने स्कूल और आसपास की जगह को हरियाली से भरेंगे।
इस अभियान को सफल बनाने के लिए स्कूल स्तर पर इको क्लब फॉर मिशन लाइफ गठित किया गया है। जहां क्लब मौजूद नहीं हैं, वहां जल्द ही इन्हें बनाया जाएगा। इन क्लबों के सदस्य बच्चे होंगे, जो पौधारोपण अभियान को आगे बढ़ाएंगे। शिक्षक भी बच्चों को मार्गदर्शन और सहयोग देंगे। यह सहभागिता बच्चों को टीमवर्क और प्रकृति से जुड़ाव का अद्भुत अनुभव कराएगी।
बच्चों का कार्य केवल पौधा लगाना ही नहीं होगा, बल्कि उसकी देखभाल करना भी उनकी जिम्मेदारी होगी। पौधा लगाने के बाद उसकी फोटो इको क्लब के लिंक पर अपलोड करनी होगी। इससे न केवल निगरानी सुनिश्चित होगी, बल्कि बच्चों में अपने पौधे के प्रति लगाव भी बढ़ेगा। जब छात्र अपने ही हाथों से लगाए गए पौधों को बढ़ते देखेंगे, तो यह उनके लिए गर्व और प्रेरणा का विषय बनेगा।
आज जब दुनिया प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्याओं से जूझ रही है, तब बच्चों के माध्यम से पौधारोपण का यह प्रयास भविष्य की पीढ़ियों में पर्यावरण चेतना जगाने का एक सशक्त कदम है। यह पहल छात्रों को प्रकृति के महत्व को समझने के साथ-साथ ‘ग्रीन कैंपस’ की अवधारणा को भी बढ़ावा देगी।
यह योजना इस तथ्य को रेखांकित करती है कि शिक्षा केवल परीक्षा पास करने का साधन नहीं है, बल्कि जीवन को सार्थक बनाने का माध्यम भी है। बच्चों के मन में यदि बचपन से ही पेड़-पौधों के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी बोई जाए, तो वे बड़े होकर भी पर्यावरण संरक्षण के वाहक बनेंगे।
स्कूलों में नामांकन के साथ पौधारोपण का यह अनूठा अभियान बच्चों के जीवन में ‘हरियाली की शिक्षा’ जोड़ देगा। आने वाले समय में यह पहल न केवल स्कूलों को स्वच्छ और सुंदर बनाएगी, बल्कि समाज और पर्यावरण को भी नई ऊर्जा और ताजगी प्रदान करेगी। यह कहना गलत नहीं होगा कि यह योजना शिक्षा और पर्यावरण का ऐसा संगम है, जो आने वाली पीढ़ियों को हरियाली और जीवन से भरपूर भविष्य देगा।
