डाक सेवाएं दैनिक जीवन का एक अहम हिस्सा रही हैं। खासकर अंतरराष्ट्रीय डाक व्यवस्था से लाखों लोग अपने प्रियजनों से जुड़े रहते हैं और जरूरी दस्तावेज एवं सामान एक देश से दूसरे देश तक भेजते हैं। लेकिन हाल ही में एक बड़ा बदलाव सामने आया है। अमेरिका जाने वाली डाक वस्तुओं की बुकिंग और प्रेषण को फिलहाल रोक दिया गया है। हालांकि, इसमें एक राहत यह दी गई है कि 100 अमेरिकी डॉलर तक के पत्र, दस्तावेज और उपहार भेजे जा सकेंगे।
भारतीय डाक विभाग ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि अमेरिका से जुड़े कैरियरों ने स्पष्ट किया कि यूएस कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) की नई शुल्क वसूली और डाटा एक्सचेंज प्रणाली अभी पूरी तरह तैयार नहीं है। अमेरिका में प्रवेश करने वाली हर वस्तु का डाटा ऑनलाइन दर्ज होना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि टैक्स और कस्टम ड्यूटी को पारदर्शी तरीके से वसूला जा सके। चूंकि यह तकनीकी ढांचा अभी पूरी तरह सक्रिय नहीं हो पाया है, इसलिए अमेरिका ने फिलहाल केवल सीमित श्रेणी की डाक स्वीकार करने का निर्णय लिया है।
इस रोक का असर मुख्य रूप से पार्सल, बड़े पैकेट्स और वाणिज्यिक सामान पर पड़ेगा।
पुस्तकें, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक सामान या कोई भी ऐसा पैकेट जिसका मूल्य 100 डॉलर से अधिक है, वह अमेरिका नहीं भेजा जा सकेगा। व्यावसायिक उद्देश्यों से भेजे जाने वाले उत्पाद भी रोक के दायरे में रहेंगे। केवल व्यक्तिगत पत्राचार और छोटे उपहार ही फिलहाल भेजे जा सकते हैं।
100 डॉलर तक के दस्तावेज़, पत्र और छोटे उपहार अमेरिका भेजने की अनुमति है। यह छूट खासतौर पर छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और प्रवासी भारतीयों के लिए राहत का काम करेगी, जिन्हें समय-समय पर अपने परिवार से निजी दस्तावेज या छोटे गिफ्ट मंगाने या भेजने की जरूरत होती है।
इस निर्णय से सबसे ज्यादा प्रभावित वे लोग होंगे जो अपने परिवार या रिश्तेदारों को भारत से सामान भेजते हैं। त्योहारों और खास मौकों पर कपड़े, मिठाइयां या अन्य उपहार अमेरिका भेजने की परंपरा रही है। अब इन वस्तुओं को भेजना फिलहाल संभव नहीं होगा। वहीं, छोटे व्यापारियों और ऑनलाइन विक्रेताओं को भी नुकसान झेलना पड़ेगा, जो अमेरिका में अपने ग्राहकों को सीधे भारत से डिलीवरी किया करते थे।
यह रोक स्थायी नहीं है। जैसे ही अमेरिका का कस्टम और बॉर्डर प्रोटेक्शन विभाग अपनी नई प्रणाली को पूरी तरह लागू कर लेगा, वैसे ही डाक सेवाएं सामान्य हो जाएंगी। भारत और अमेरिका दोनों देश इस दिशा में तकनीकी सुधार पर काम कर रहा है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में यह बाधा दूर हो जाएगी और फिर से पार्सल और अन्य वस्तुएं भेजने की सुविधा बहाल होगी।
डाक सेवाएं सिर्फ वस्तुओं का आदान-प्रदान नहीं हैं, बल्कि यह दिलों को जोड़ने का माध्यम भी हैं। अमेरिका को भेजी जाने वाली डाक वस्तुओं पर लगी यह अस्थायी रोक थोड़ी असुविधा जरूर पैदा करेगी, लेकिन यह कदम तकनीकी सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
