जम्मू-कश्मीर में आईसीएआई का खुलेगा “उत्कृष्टता केंद्र”

Jitendra Kumar Sinha
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जम्मू-कश्मीर, जिसे अब तक मुख्य रूप से अपनी प्राकृतिक सुंदरता और संवेदनशील सुरक्षा परिस्थितियों के लिए जाना जाता रहा है, अब शिक्षा और पेशेवर प्रशिक्षण के क्षेत्र में भी एक नया आयाम जोड़ने जा रहा है। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की शीर्ष संस्था आईसीएआई (Institute of Chartered Accountants of India) ने राज्य में एक उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) स्थापित करने की योजना बनाई है। यह निर्णय हाल ही में पहलगाम में आयोजित तीन दिवसीय परिषद बैठक के दौरान लिया गया।

आईसीएआई की 445वीं परिषद बैठक 12 से 14 अगस्त तक पहलगाम में आयोजित की गई थी। इस दौरान संस्था ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक का विशेष महत्व इस वजह से भी रहा क्योंकि हाल ही में पहलगाम में आतंकवादी हमला हुआ था। ऐसे समय पर परिषद का यहां उपस्थित होना, संस्था की दृढ़ इच्छाशक्ति, एकजुटता और आशा का प्रतीक माना जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर के युवाओं के लिए पेशेवर शिक्षा और करियर विकल्प अभी भी सीमित हैं। चार्टर्ड अकाउंटेंसी जैसे उच्च स्तरीय कोर्स में रुचि रखने वाले छात्रों को प्रायः दिल्ली, मुंबई, पुणे या अन्य महानगरों की ओर जाना पड़ता है। उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना से प्रदेश के छात्रों को स्थानीय स्तर पर गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण, आधुनिक सुविधाएं, अनुभवी फैकल्टी और कैरियर मार्गदर्शन मिलेगा। इससे न केवल समय और खर्च बचेगा बल्कि प्रतिभाशाली युवा अपने ही क्षेत्र से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकेंगे।

आईसीएआई का उत्कृष्टता केंद्र केवल प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि कई अन्य क्षेत्रों में भी युवाओं को सशक्त बनाएगा।जिसमें शामिल है एडवांस ट्रेनिंग प्रोग्राम, ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कोर्स, शोध और नवाचार की सुविधाएं, स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स के लिए वर्कशॉप व सेमिनार, इंडस्ट्री से जुड़ाव और करियर काउंसलिंग। 

पहलगाम में आयोजित बैठक और केंद्र स्थापित करने का निर्णय, आतंकवाद से प्रभावित इस क्षेत्र को शिक्षा और रोजगार का नया अवसर प्रदान करेगा। यह कदम यह भी दर्शाता है कि शिक्षा और विकास की रोशनी किसी भी तरह की हिंसा और नकारात्मकता से कहीं अधिक प्रबल है। स्थानीय युवाओं के लिए बेहतर कैरियर विकल्प मिलेगा। राज्य की आर्थिक और शैक्षिक प्रगति होगी। रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर की सकारात्मक पहचान बनेगी।

आईसीएआई का यह कदम जम्मू-कश्मीर को केवल पर्यटन या सुरक्षा की दृष्टि से नहीं, बल्कि शिक्षा और पेशेवर प्रशिक्षण के केंद्र के रूप में भी स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह पहल न केवल छात्रों और युवाओं को लाभान्वित करेगी बल्कि पूरे प्रदेश की सामाजिक-आर्थिक प्रगति में भी सहायक होगी।



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