ICICI बैंक ने बढ़ाई बचत खातों की न्यूनतम राशि

Jitendra Kumar Sinha
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निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक ICICI बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए बचत खातों की न्यूनतम मासिक औसत शेष राशि (Monthly Average Balance – MAB) में बड़ा बदलाव किया है। यह बदलाव खासतौर पर शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों की जेब पर सीधा असर डालेगा। बैंक ने शहरी शाखाओं में यह राशि 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है। यह नया नियम 1 अगस्त 2025 के बाद खोले जाने वाले सभी खातों पर लागू होगा।

पहले शहरी शाखाओं में बचत खाते के लिए न्यूनतम मासिक औसत शेष राशि 10,000 रुपये थी। लेकिन अब इसे सीधे पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है। इसका अर्थ है कि यदि कोई ग्राहक इस राशि को अपने खाते में औसतन नहीं रखता है, तो उसे न्यूनतम शेष राशि न रखने का जुर्माना चुकाना होगा।

बैंक ने सिर्फ शहरों में ही नहीं, बल्कि अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह सीमा बढ़ाई है। अर्ध-शहरी शाखाओं में 5,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये और ग्रामीण शाखाओं में 2,500 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है। यह बदलाव ग्रामीण और छोटे कस्बों के खाताधारकों के लिए भी एक बड़ा आर्थिक दबाव साबित हो सकता है।

ICICI बैंक का कहना है कि यह कदम बैंकिंग सेवाओं की लागत, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर निवेश और ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। बैंक का तर्क है कि अधिक शेष राशि बनाए रखने से खाताधारकों को बेहतर ब्याज और बैंकिंग सेवाएं मिल सकती हैं

मध्यम वर्ग पर खासकर वह ग्राहक जो मासिक खर्चों के कारण बड़ी राशि खाते में नहीं रख पाते हैं, उनके लिए यह नियम चुनौतीपूर्ण होगा। जुर्माना का खतरा, यदि तय राशि खाते में नहीं रखी जाती है, तो बैंक हर महीने पेनल्टी शुल्क वसूल सकता है। ग्रामीण ग्राहकों की चिंता, गांवों में बैंक खाता मुख्य रूप से सरकारी योजनाओं और छोटी बचत के लिए खोला जाता है। वहां 10,000 रुपये की न्यूनतम राशि बनाए रखना कई परिवारों के लिए मुश्किल होगा।

बैंक ग्राहक चाहें तो नियमित बचत खाता छोड़कर जीरो बैलेंस खाता या जनधन खाता खोल सकते हैं। बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली ऑनलाइन सेवाओं के जरिये न्यूनतम बैलेंस की निगरानी करना बेहतर होगा। यदि किसी ग्राहक के पास एक से अधिक खाता है, तो वह अपने फंड को एक खाता में केंद्रित कर न्यूनतम शेष राशि बनाए रख सकता है।

ICICI बैंक का यह कदम बैंकिंग सेक्टर में एक नया ट्रेंड स्थापित कर सकता है, जिसमें अन्य बैंक भी न्यूनतम मासिक औसत शेष राशि बढ़ा सकता है। लेकिन यह बदलाव आम खाताधारकों, खासकर मध्यम वर्ग और ग्रामीण ग्राहकों के लिए आर्थिक दबाव लेकर आएगा। 



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