मध्यप्रदेश पुलिस की नशे के खिलाफ छेड़ी गई मुहिम को अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर सराहना मिल रही है। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) कैलाश मकवाना को ब्रिटेन की संसद में सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा, जो 13 सितंबर 2025 को ब्रिटिश संसद में आयोजित होगा।
यह सम्मान उस विशेष पखवाड़ा अभियान के लिए है, जिसमें मध्यप्रदेश पुलिस ने पूरे राज्य में मादक पदार्थों के खिलाफ अभूतपूर्व कार्रवाई की थी। इस अभियान को "नशे के विरुद्ध जनआंदोलन" का रूप दिया गया था, जिसमें पुलिस के साथ समाज के विभिन्न वर्गों, छात्र, शिक्षक, सामाजिक संस्थाएं और मीडिया, ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई थी।
इस पखवाड़े (15-दिवसीय) अभियान में पुलिस ने पूरे राज्य में नशा के खिलाफ बड़े पैमाने पर छापेमारी की थी। नशीले पदार्थों की बरामदगी, तस्करों की गिरफ्तारी, जनजागरूकता रैलियों और स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता अभियान जैसी कई गतिविधियां एक साथ चलाई गईं थी। इस दौरान हजारों किलो नशीले पदार्थ जब्त किए गए। सैकड़ों तस्करों को गिरफ्तार किया गया था। हजारों युवाओं ने नशा छोड़ने की शपथ ली है। स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। सोशल मीडिया और पोस्टर अभियान के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया था।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सीईओ और अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने DGP कैलाश मकवाना को विशेष अतिथि के रूप में ब्रिटेन आमंत्रित किया है। यह सम्मान उन वैश्विक प्रयासों को मान्यता देता है, जो मानवता और सामाजिक सुधार के हित में किए जाते हैं।
यह पहली बार है जब मध्यप्रदेश पुलिस के किसी कार्य को अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस स्तर की मान्यता मिली है। यह केवल DGP के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे राज्य और पुलिस बल के लिए गर्व की बात है।
इस सम्मान की घोषणा के बाद DGP मकवाना ने कहा है कि "यह सम्मान पूरे पुलिस बल और मध्यप्रदेश की जनता का है। हमने केवल कानून का पालन नहीं कराया, बल्कि समाज को नशे के खिलाफ एकजुट किया। यह अभियान अब भी जारी रहेगा।"
यह अभियान और इससे मिली अंतरराष्ट्रीय मान्यता यह दर्शाता है कि मध्यप्रदेश पुलिस अब केवल अपराध से लड़ने वाली संस्था नहीं, बल्कि समाज निर्माण की भागीदार बन चुकी है। नशे जैसे गंभीर सामाजिक विषयों पर पुलिस की सक्रियता और नेतृत्व ने एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है।
DGP कैलाश मकवाना का यह सम्मान भारत के लिए भी गौरव का विषय है। यह प्रमाण है कि यदि इच्छाशक्ति और रणनीति सटीक हो, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन संभव है। अब जब यह मुहिम ब्रिटेन की संसद तक पहुंच चुकी है, उम्मीद की जा सकती है कि यह पूरे देश में एक प्रेरणा स्रोत बनेगी।
