हवाई का काउई द्वीप दुनिया भर के यात्रियों और फोटोग्राफरों के लिए किसी सपनों की जगह से कम नहीं है। इसी द्वीप के उत्तरी तट पर स्थित है “ना पाली कोस्ट”, जो प्राकृतिक सुंदरता और भव्यता का अद्वितीय संगम है। यह तटरेखा न केवल हवाई बल्कि पूरी दुनिया के सबसे खूबसूरत और फोटोजेनिक स्थलों में गिनी जाती है।
“ना पाली कोस्ट” की सबसे बड़ी विशेषता है यहाँ की समुद्री चट्टानें। ये चट्टानें समुद्र तल से लगभग 4,000 फीट की ऊँचाई तक उठती हैं। यह इसे दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची समुद्री चट्टानों में शामिल करती हैं। इन ऊँचाइयों से गिरती झरनों की धाराएँ और उनके चारों ओर फैली हरियाली इसे किसी चित्रकला की भांति सजीव बनाती हैं।
यह क्षेत्र घने जंगलों, गहरी घाटियों और हरे-भरे पर्वतीय ढलानों से आच्छादित है। ना पाली कोस्ट का नाम ही हवाई भाषा के शब्दों से आया है, “ना” जिसका अर्थ है "कई" और “पाली” जिसका अर्थ है "चट्टानें"। यानि “कई चट्टानों की भूमि”। हरियाली से लिपटी ये नुकीली चोटियाँ समुद्र की गहराइयों से मिलकर एक अद्भुत नजारा पेश करती हैं।
यहाँ आने वाले पर्यटक न सिर्फ इसकी सुंदरता का आनंद उठाते हैं, बल्कि साहसिक गतिविधियों का भी अनुभव करते हैं। हाइकिंग- ना पाली स्टेट वाइल्डरनेस पार्क की कठिन पगडंडियाँ हाइकर्स के लिए चुनौतीपूर्ण लेकिन यादगार अनुभव देती हैं। कयाकिंग और बोट राइड- समुद्र की लहरों पर नाव से यात्रा करते हुए इन ऊँची चट्टानों को नजदीक से देखना अविस्मरणीय होता है। हेलीकॉप्टर राइड- ऊपर से देखने पर यह तटरेखा मानो हरे-नीले रंगों की जीवंत पेंटिंग प्रतीत होती है।
“ना पाली कोस्ट” को अक्सर फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए ‘पैराडाइज ऑन अर्थ’ कहा जाता है। चाहे सूर्योदय की सुनहरी किरणें हों या सूर्यास्त का लालिमा भरा आकाश, हर पल यहाँ तस्वीर लेने योग्य होता है। फिल्म निर्माताओं ने भी इसे अपनी फिल्मों का हिस्सा बनाया है, जिससे यह दुनिया भर में और प्रसिद्ध हो गया है।
यह तटरेखा केवल पर्यटन स्थल ही नहीं, बल्कि एक संरक्षित प्राकृतिक धरोहर भी है। यहाँ का अनछुआ वातावरण, समुद्री जीवन और वनस्पति इसे खास बनाते हैं। हवाई सरकार इसे संरक्षित रखने के लिए विशेष नियम और सीमाएँ लागू करती है, ताकि इसकी प्राकृतिक सुंदरता आने वाली पीढ़ियों के लिए भी बनी रहे।
