जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के जंगलोट इलाके में 17 अगस्त 2025 की रात बादल फटने की वजह से भारी तबाही मच गई। इस घटना में चार लोगों की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए, जबकि कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं। जोध घाटी और आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ ने लोगों को फंसा दिया। बाढ़ और मलबे की वजह से रेलवे ट्रैक, नेशनल हाईवे 44 और कई इमारतों को गंभीर नुकसान हुआ। जंगलोट पुलिस स्टेशन, इंडस्ट्रियल एरिया और केंद्रीय विद्यालय परिसर तक पानी भर गया। कई सड़कें टूट गईं और गांवों का संपर्क कट गया, जिससे राहत और बचाव कार्यों में कठिनाई हो रही है।
राहत और बचाव कार्यों में सेना, NDRF, SDRF, BRO, पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगे हुए हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने SSP कठुआ से हालात की जानकारी ली और कहा कि बचाव दल पूरी ताकत से काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर शोक जताया, मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के लिए तुरंत मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। प्रशासन ने लोगों से नदियों और नालों से दूर रहने की अपील की है क्योंकि उझ नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब है। हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं, जिनमें DEOC 01922-238796, PCR 9858034100 और ERSS 112 शामिल हैं।
यह घटना उस समय हुई है जब कुछ ही दिन पहले किश्तवाड़ जिले में बादल फटने से बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें 65 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। कठुआ की यह त्रासदी लगातार हो रही प्राकृतिक आपदाओं की कड़ी है, जिसने जम्मू क्षेत्र को मुश्किल में डाल दिया है और प्रशासन को चौकन्ना कर दिया है।
