पटना नगर निगम हर शनिवार को - अंचलों में लगायेगा - “जन शिकायत निवारण शिविर”

Jitendra Kumar Sinha
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पटना नगर निगम ने नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए एक नई पहल शुरू की है। अब हर शनिवार को नगर निगम के सभी अंचलों में “जन शिकायत निवारण शिविर” आयोजित किया जाएगा, जिसमें लोग अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों के सामने रख सकेंगे। इस कदम का उद्देश्य न केवल शिकायतों का पंजीकरण करना है बल्कि उन्हें समयबद्ध तरीके से हल करना भी है।

नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने बताया है कि शिविरों का आयोजन बारी-बारी से प्रत्येक अंचल में किया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी संबंधित अंचल के कार्यपालक पदाधिकारी को दी गई है। इस प्रकार नगर निगम यह सुनिश्चित करना चाहता है कि स्थानीय स्तर पर लोगों की समस्याओं को न केवल सुना जाए बल्कि उस पर तुरंत संज्ञान भी लिया जाए।

इन शिविरों में नागरिक अपनी लगभग सभी समस्याओं को दर्ज करा सकते हैं। प्रमुख रूप से कचरा उठाव और सफाई व्यवस्था से जुड़ी शिकायतें, नाली और जल निकासी की समस्या, सड़क, स्ट्रीट लाइट और पेयजल से संबंधित मुद्दे, भवन निर्माण और नक्शा स्वीकृति से जुड़ी कठिनाइयाँ, कर और राजस्व से संबंधित परेशानियाँ, किसी भी प्रकार की प्रशासनिक लापरवाही या अनियमितता से संबंधित शिकायतें सामने लाई जा सकती हैं।

इस योजना से नागरिकों को यह भरोसा मिलेगा कि उनकी आवाज अनसुनी नहीं होगी। शिविरों में दर्ज शिकायतों का रिकॉर्ड रखा जाएगा और अधिकारियों को तय समयसीमा के भीतर उसका समाधान करना होगा। इससे जवाबदेही और पारदर्शिता दोनों सुनिश्चित होगी।

शिविर में शिकायत दर्ज कराने के लिए नागरिकों को अपनी समस्या का संक्षिप्त विवरण और उससे संबंधित दस्तावेज (यदि कोई हो) लेकर आना होगा। मौके पर ही शिकायत पंजीकृत कर ली जाएगी और उसका निवारण करने की समय-सीमा तय होगी।

नगर निगम की यह पहल आम लोगों के लिए काफी राहत भरी साबित हो सकती है। अक्सर शिकायतें दफ्तरों में घूमते-घूमते लंबित रह जाती हैं। लेकिन शिविरों के जरिए न केवल शिकायतें दर्ज होगी बल्कि सीधे संवाद से समाधान भी तेजी से होगा।

हर शनिवार अलग-अलग अंचलों में लगने वाले यह शिविर नागरिकों और प्रशासन के बीच पुल का काम करेगा। यह पहल दर्शाता है कि पटना नगर निगम अब जनसुनवाई और जनसहभागिता को प्राथमिकता दे रहा है। यदि यह व्यवस्था नियमित और प्रभावी ढंग से चलती रही, तो न केवल नागरिकों की समस्याएँ कम होगी बल्कि नगर निगम की छवि भी एक संवेदनशील और उत्तरदायी संस्था के रूप में मजबूत होगी।



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