टीएमसी और सपा का JPC से बहिष्कार, विपक्षी एकता को बड़ा झटका

Jitendra Kumar Sinha
0


 


टीएमसी और समाजवादी पार्टी ने संसद में उस संयुक्त संसदीय समिति का बहिष्कार कर दिया है जिसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को 30 दिन से अधिक जेल में रहने की स्थिति में पद से हटाने वाले विधेयक की समीक्षा के लिए बनाया गया था। पहले तृणमूल कांग्रेस ने इसे “तमाशा” कहकर नकार दिया था और अब समाजवादी पार्टी ने भी साफ कर दिया कि वह इस समिति का हिस्सा नहीं बनेगी।


टीएमसी का कहना है कि JPC की संरचना ही सत्ताधारी दल के पक्ष में होती है, इसलिए यहां निष्पक्ष चर्चा या समीक्षा की कोई संभावना नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने तर्क दिया कि सरकार विपक्ष को दरकिनार कर केवल दिखावे के लिए समिति बना रही है। वहीं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बिल को असंवैधानिक करार दिया और कहा कि यह संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। उनके अनुसार राज्य अपने मुख्यमंत्रियों के कामकाज और जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम हैं, ऐसे में केंद्र का इस तरह का कानून बनाना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है।


इन दोनों दलों के रुख से विपक्षी एकता को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस अभी समिति का हिस्सा बने रहने और अंदर से विरोध दर्ज कराने के पक्ष में है, लेकिन सहयोगी दलों के बहिष्कार ने उस पर दबाव बढ़ा दिया है। असल में यह स्थिति विपक्ष की साझा रणनीति पर सवाल खड़े करती है और सत्ता पक्ष के लिए कहीं न कहीं राजनीतिक बढ़त भी बनाती है।

एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top