पंचायत शिक्षकों के लिए हाईकोर्ट का फैसला - मिलेगा 12 साल बाद पदोन्नति

Jitendra Kumar Sinha
0




बिहार के पंचायत और प्रखंड शिक्षकों के लिए पटना हाईकोर्ट का ताजा फैसला मील का पत्थर साबित हुआ है। लंबे समय से अपने हक की लड़ाई लड़ रहे शिक्षकों को आखिरकार न्याय मिला है। अदालत ने साफ कहा है कि 12 साल की संतोषजनक सेवा पूरी करने वाले शिक्षक स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पद पर पदोन्नति पाने के वैधानिक हकदार हैं।

सीतामढ़ी जिला के 12 शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी पीड़ा बताई थी। उनका कहना था कि 2003 से 2007 के बीच उनकी नियुक्ति हुई और उन्होंने प्रशिक्षण योग्यता भी हासिल कर ली। बावजूद इसके उन्हें पदोन्नति से वंचित रखा गया। शिक्षकों की दलील थी कि यह उनके संवैधानिक अधिकार का हनन है और सरकार जानबूझकर प्रोमोशन प्रक्रिया को टाल रही है।

न्यायमूर्ति पुर्णेन्दु सिंह की एकलपीठ ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए स्पष्ट कर दिया कि शिक्षकों के साथ किसी प्रकार का भेदभाव असंवैधानिक है। अदालत ने कहा कि पदोन्नति का अधिकार एक वैधानिक अधिकार है, जिसे छीनना किसी भी स्थिति में न्यायसंगत नहीं है।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि तीन महीने के भीतर शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार की जाए और पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जाए। इससे यह सुनिश्चित होगा कि पंचायत और प्रखंड शिक्षक लंबे इंतज़ार के बाद अब आगे बढ़ने का अवसर पा सकें।

फैसले के बाद शिक्षकों में उत्साह और संतोष की लहर है। उनका मानना है कि यह निर्णय न केवल उनके लिए बल्कि पूरे बिहार के पंचायत शिक्षकों के लिए ऐतिहासिक जीत है। वर्षों से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे हजारों शिक्षकों को अब उम्मीद जगी है कि जल्द ही उन्हें उनकी मेहनत और सेवा का उचित फल मिलेगा।

पदोन्नति मिलने से शिक्षकों का मनोबल बढ़ेगा और वे और अधिक समर्पण के साथ कार्य करेंगे। साथ ही शिक्षा व्यवस्था को भी इसका सीधा लाभ मिलेगा। जब शिक्षक सम्मानित महसूस करेंगे तो उनकी कार्यक्षमता और छात्रों के प्रति प्रतिबद्धता और भी मजबूत होगी।

पटना हाईकोर्ट का यह फैसला पंचायत और प्रखंड शिक्षकों के संघर्ष की जीत है। 12 साल की सेवा के बाद पदोन्नति का अधिकार अब सुनिश्चित हो गया है। यह निर्णय न केवल शिक्षकों के आत्मसम्मान को बढ़ाएगा बल्कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था को भी नई दिशा देगा। सरकार के लिए अब यह चुनौती है कि वह अदालत के आदेश को समय पर लागू कर पारदर्शी और निष्पक्ष पदोन्नति प्रक्रिया सुनिश्चित करे।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top