पैदल पथ के रूप में छिपा रोलर कोस्टर - “टाइगर एंड टर्टल”

Jitendra Kumar Sinha
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जर्मनी का डुइसबर्ग शहर अपने औद्योगिक इतिहास और सांस्कृतिक प्रयोगों के लिए जाना जाता है। इसी शहर में स्थित है "टाइगर एंड टर्टल-मैजिक माउंटेन", जो पहली नजर में एक साहसिक रोलर कोस्टर जैसा लगता है। लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग और कहीं अधिक अद्भुत है, यह असल में एक पैदल पथ है, जिस पर लोग चढ़ते-उतरते हुए रोमांच और कला का अनुभव करते हैं।

दूर से देखने पर यह संरचना ऐसे प्रतीत होता है, मानो लोग इसमें झूले की सवारी करने वाले हों। घुमावदार और ऊंचाई लिए यह पथ किसी बड़े थीम पार्क की याद दिलाता है। लेकिन जैसे ही पर्यटक पास पहुंचते हैं, उन्हें पता चलता है कि यह कोई झूला नहीं बल्कि एक चलने का रास्ता है। यहां लोग कदम-दर-कदम उस रोमांच को महसूस करते हैं, जो आमतौर पर रोलर कोस्टर में बैठने पर मिलता है।

इस अनोखी संरचना को जर्मन कलाकार हाइके मुथे और उलरिख गेयर ने साल 2011 में तैयार किया था। इसका निर्माण एक पुराने डम्प साइट पर किया गया, जिससे यह भी साबित होता है कि कला और रचनात्मकता से किसी भी बेकार पड़ी जगह को सांस्कृतिक धरोहर में बदला जा सकता है। इसका डिजाइन गति और ठहराव के बीच का अद्भुत विरोधाभास दर्शाता है। जब लोग इस पर चलते हैं, तो वे ठहराव और गतिविधि दोनों का अनुभव एक साथ करते हैं।

दिन में यह चमकदार धातु संरचना सूर्य की रोशनी में अलग ही चमक बिखेरती है। वहीं, रात में जब पूरी संरचना एलईडी लाइट्स से जगमगाने लगती है, तो यह किसी स्वप्निल दृश्य का रूप ले लेती है। इस रोशनी में घूमते हुए लोग मानो किसी काल्पनिक दुनिया में प्रवेश कर जाते हैं।

यहां आने वाले लोग केवल तस्वीरें खींचने के लिए ही नहीं आते हैं, बल्कि इसकी घुमावदार पगडंडियों पर चलकर उस अद्भुत रोमांच का हिस्सा बनने के लिए आते हैं। यह अनुभव उन्हें न केवल रोमांचित करता है बल्कि यह सोचने पर भी मजबूर करता है कि कला और इंजीनियरिंग का मेल कितना अनूठा और प्रेरणादायक हो सकता है।

"टाइगर एंड टर्टल" इस बात का बेहतरीन उदाहरण है कि कैसे एक बेकार हो चुकी जगह को रचनात्मक दृष्टिकोण से बदलकर एक जीवंत सांस्कृतिक लैंडमार्क में तब्दील किया जा सकता है। यह आधुनिक कला का ऐसा नमूना है, जिसमें परंपरा और आधुनिकता दोनों का संगम देखने को मिलता है।

"टाइगर एंड टर्टल-मैजिक माउंटेन" केवल एक पैदल पथ नहीं है, बल्कि यह कला, रोमांच और मानव कल्पनाशीलता का प्रतीक है। यहां आने वाला हर व्यक्ति अपने भीतर रोमांच, जिज्ञासा और रचनात्मकता का नया अनुभव लेकर लौटता है। यही कारण है कि आज यह जर्मनी के सबसे चर्चित और अनोखे सांस्कृतिक लैंडमार्क्स में से एक बन चुका है।



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