नई ट्रैफिक व्यवस्था के खिलाफ - 18 अगस्त को होगा पटना में - ऑटो और ई-रिक्शा यूनियन का प्रदर्शन

Jitendra Kumar Sinha
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राजधानी पटना की सड़कों पर जल्द ही एक नई हलचल देखने को मिलेगी। महानगर ऑटो चालक संघ और ई-रिक्शा यूनियन ने 18 अगस्त को शहरव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। यह फैसला रविवार को हुई एक अहम बैठक में लिया गया, जिसमें ट्रैफिक पुलिस द्वारा लागू की गई नई यातायात व्यवस्था पर गहन चर्चा हुई।


बैठक की अध्यक्षता संघ के महासचिव राजेश चौधरी ने की। उन्होंने बताया कि ऑटो और ई-रिक्शा चालकों को पटना में लगातार अनदेखी और उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि “ट्रैफिक नियमों में हुए हालिया बदलाव बिना ऑटो चालकों से विचार-विमर्श के थोपे गए हैं, जिससे हमारी रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है”।


राजधानी में ट्रैफिक पुलिस द्वारा हाल ही में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिसमें कुछ मार्गों पर ऑटो और ई-रिक्शा के प्रवेश पर रोक, सीमित रूट परमिट और समयबद्ध परिचालन जैसे नियम शामिल हैं। इससे हजारों चालकों को रोजाना कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


ऑटो चालक संघ के मुताबिक, नई व्यवस्था के कारण ऑटो चालकों की आमदनी में भारी गिरावट आई है। कई चालकों को खाली लौटना पड़ता है या निर्धारित रूट से यात्रियों को मना करना पड़ता है, जिससे उन्हें यात्रियों के गुस्से का भी शिकार होना पड़ता है।


संघ ने अपनी मांगों को स्पष्ट रूप से रखा है कि सभी ऑटो चालकों को जल्द से जल्द वैध परमिट दिया जाए। नई ट्रैफिक व्यवस्था को लागू करने से पहले यूनियन से बातचीत की जाए। ऑटो चालकों पर होने वाली पुलिसिया सख्ती पर लगाम लगाई जाए। पूरे शहर में ई-रिक्शा के लिए तय रूट और चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था की जाए।


संघ ने 18 अगस्त को आंदोलन की घोषणा की है। इस दिन पटना के कई प्रमुख चौराहों और सड़कों पर ऑटो और ई-रिक्शा चालकों का प्रदर्शन होगा। हालांकि संघ ने यह भी स्पष्ट किया है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा और आम जनता को कोई असुविधा न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा।


महासचिव राजेश चौधरी ने अपील किया है कि सरकार और प्रशासन समय रहते उनकी मांगों पर ध्यान दे, ताकि विरोध की नौबत न आए। उन्होंने कहा कि “हम भी इस शहर के नागरिक हैं, हमारी भी समस्याएं हैं, जिनका समाधान जरूरी है।”


पटना में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु बनाने के साथ-साथ ऑटो चालकों के हितों की अनदेखी नहीं की जा सकती। अब देखना होगा कि प्रशासन इस आंदोलन से पहले क्या कदम उठाता है, या फिर राजधानी की सड़कों पर 18 अगस्त को ऑटो चालकों की आवाज़ गूंजेगी।

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