बिहार में आज दोपहर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वोटर लिस्ट जारी की जाएगी। यह सूची सभी राजनीतिक दलों को सौंपी जाएगी, ताकि वे उसमें दर्ज नामों की पुष्टि कर सकें और आवश्यक आपत्तियाँ दर्ज करा सकें। आयोग की ओर से साफ किया गया है कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ की जा रही है, और सभी हितधारकों को समान अवसर दिया जा रहा है।
हालांकि, महागठबंधन की ओर से इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि वोटर लिस्ट में भारी गड़बड़ियां हैं और कई स्थानों पर नाम जानबूझकर हटाए गए हैं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछड़े और दलित समुदाय के मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश की जा रही है, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि वोटर लिस्ट की गहन जांच कराई जाए और बिना पक्षपात के कार्य किया जाए।
बीजेपी की ओर से इन आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि विपक्ष हार के डर से पहले ही चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर रहा है। आयोग ने भी बयान जारी कर कहा कि जो भी नाम हटाए गए हैं, वे नियमानुसार प्रक्रिया के तहत किए गए हैं और किसी को भी आपत्ति है तो वह निर्धारित समय के भीतर शिकायत दर्ज करा सकता है।
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि वोटर लिस्ट की अंतिम प्रति सितंबर महीने में प्रकाशित की जाएगी, और उसके बाद किसी तरह का बदलाव संभव नहीं होगा। वर्तमान में यह प्रारंभिक सूची है जिसमें सुधार और संशोधन की प्रक्रिया चलेगी। आयोग ने जनता से अपील की है कि वे अपने नाम की पुष्टि करें और अगर कोई त्रुटि है तो तुरंत सुधार की प्रक्रिया शुरू करें।
राजनीतिक सरगर्मियों के बीच वोटर लिस्ट की यह प्रक्रिया खासा महत्व रखती है, क्योंकि इसी पर चुनावी गणित तय होगा। सभी दलों की नजर इस लिस्ट पर टिकी हुई है, और आने वाले दिनों में इसे लेकर राजनीति और भी गर्माने की संभावना है
