भारत की ईंधन नीति में एक बड़ा बदलाव आने वाला है। सरकार ने ई20 ईंधन (20% एथनॉल और 80% पेट्रोल का मिश्रण) को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना बनाई है। फिलहाल देश में अधिकतर पेट्रोल ई10 (10% एथनॉल) मिश्रण वाला है, लेकिन 2025 तक इसे ई20 में बदलने का लक्ष्य है।
पर्यावरणीय फायदे
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ई20 के उपयोग से वाहन से निकलने वाले कार्बन मोनोऑक्साइड में करीब 50% और हाइड्रोकार्बन में 20% तक कमी आ सकती है।
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ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन में कमी से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
आर्थिक असर
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किसानों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है, क्योंकि एथनॉल गन्ने और मक्का जैसी फसलों से बनता है। अतिरिक्त उपज का अच्छा दाम मिलेगा।
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पेट्रोल पर विदेशी खर्च कम होने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
चुनौतियां भी कम नहीं
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पुराने वाहनों में ई20 का उपयोग करने पर इंजन में तकनीकी दिक्कतें और माइलेज में हल्की गिरावट आ सकती है।
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सभी पेट्रोल पंप और रिफाइनरी को ई20 के हिसाब से अपग्रेड करना होगा, जो समय और पैसा दोनों लेगा।
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एथनॉल उत्पादन के लिए पानी की बड़ी मात्रा चाहिए, जो सूखा-ग्रस्त इलाकों में चुनौती बन सकता है।
