अगस्त 2025 में कई प्रमुख बैंकों ने होम लोन पर ब्याज दरों में कटौती की है, जिससे ग्राहकों को EMI भुगतान में राहत मिल सकती है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपनी MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट) में करीब 5 बेसिस पॉइंट की कटौती की है, जिसका मतलब है अब उनकी दरें लगभग 7.90% से 8.85% के बीच हैं, जो पहले 7.95% से 8.90% के बीच थीं। यह बदलाव 15 अगस्त 2025 से लागू हो चुका है।
इसी तरह, HDFC बैंक, PNB, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन ओवरसीज़ बैंक ने भी अपने MCLR दरों में कमी की घोषणा की है, जिससे पुराने फ्लोटिंग-रेट लोन पर EMI में कमी और संभवत: लोन अवधि में भी कटौती हो सकती है।
हालाँकि, RBI ने अपने अगस्त MPC (मौद्रिक नीति समिति) बैठक में रेपो दर अपरिवर्तित रखी, इसके बावजूद बैंकों ने अपनी आंतरिक लागत और प्रतिस्पर्धात्मक दबाव को देखते हुए MCLR घटाई है, जिससे ग्राहकों को लाभ हो सकता है। लेकिन धैर्य रखें—यह लाभ केवल पुराने MCLR-लिंक्ड लोन धारकों को ही मिलता है, क्योंकि नए फ्लोटिंग-रेट लोन आमतौर पर एक्सटर्नल बेंचमार्क (EBLR) से जुड़े होते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि कुछ बैंक, लाभ की रक्षा के लिए, नए ग्राहकों से महंगी दरों पर होम लोन जारी कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि RBI के नए नियमों के तहत बैंकों को रेट कट्स मौजूदा ग्राहकों पर पारित करनी ही पड़ती है।
