एक हैरतअंगेज राजनीतिक मोड़ के तहत, बिहार की सियासत में वही हुआ जो आम खूनखराबे वाली फिल्म में क्लाइमेक्स होता है—लालू प्रसाद यादव के लंबे समय से चले आ रहे दुश्मन पप्पू यादव ने इस बार तेजस्वी यादव के साथ खड़े होने का नाबाद राजनीतिक ऐलान कर दिया। पप्पू यादव ने चुनाव आयोग पर हमला करते हुए कहा कि कई जीवित लोगों को मतदाता सूची में ‘मरा हुआ’ दिखाया गया है और इस कुकृत्य पर जवाबदेही तय करने वाला कौन है, इस सवाल के साथ उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से इस्तीफा मांगकर पूरे खेल का रंग पलट दिया। पेशे से राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे व्यक्ति का अचानक इस तरह साथ देना—मतदाता सूची विवाद में तेजस्वी की खड़ी की गई चुनौती को और तीखा कर गया है—और राजनीतिक तापमान तब और बढ़ गया, जब विरोधी सियासी साथी बन गए एक साथ खड़े होने वाले
