गयाजी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दौरा बिहार की राजनीति के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। विधानसभा चुनाव से पहले आयोजित इस विशाल सभा में पीएम मोदी के संबोधन से पहले मंच पर हुई हलचल ने सियासी गलियारों में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। जब प्रधानमंत्री मंच पर मौजूद नेताओं का अभिवादन कर रहे थे, उसी दौरान उन्होंने मुस्कुराते हुए आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से कुछ बात की और फिर आगे बढ़ते हुए जेडीयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह की ओर भी झुककर कुछ कहा। इसके जवाब में ललन सिंह ने सिर हिलाकर हामी भर दी। मंच पर हुई इन हलचलों को कैमरों ने कैद कर लिया और अब इन्हें लेकर चुनावी संदेशों की खोज शुरू हो गई है।
बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए इन तस्वीरों को महज़ मंचीय औपचारिकता मान लेना आसान है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार चुनावी साल में इन इशारों को हल्के में लेना सही नहीं होगा। यह साफ तौर पर गठबंधन की मजबूती और एनडीए के अंदरूनी तालमेल का संदेश माना जा रहा है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी के इस संकेत से जेडीयू और बीजेपी के रिश्ते पर सकारात्मक असर पड़ेगा और साथ ही यह भी दिखाता है कि एनडीए उपेंद्र कुशवाहा को सम्मानजनक स्थान देने के मूड में है।
इसी के साथ मंच पर ललन सिंह की मौजूदगी और पीएम मोदी द्वारा उनके प्रति दिखाई गई विशेष सराहना भी जेडीयू में उनकी मजबूत स्थिति को दर्शाती है। माना जा रहा है कि ललन सिंह न केवल जेडीयू के भीतर बल्कि पूरे गठबंधन के चुनावी समीकरण में अहम भूमिका निभाएंगे। मोदी कैबिनेट में शामिल होने के लिए उनका नाम आगे किया जाना भी इसी बात का प्रमाण है। यही वजह है कि बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी के इस दौरे और मंच से हुए इन छोटे-छोटे इशारों को एक बड़ा चुनावी संदेश माना जा रहा है।
