पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन, लंबी बीमारी के बाद ली अंतिम सांस

Jitendra Kumar Sinha
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पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का सोमवार को निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। 77 वर्षीय मलिक ने सुबह अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।


सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर, गोवा, मेघालय और बिहार जैसे कई राज्यों के राज्यपाल रह चुके थे। वे 2018 से 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे, उस दौरान अनुच्छेद 370 हटाने की प्रक्रिया भी उनके कार्यकाल में ही शुरू हुई थी। वे अपने स्पष्ट बयानों और बेबाक राय के लिए भी जाने जाते थे। कई बार उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों पर भी खुलकर सवाल उठाए, खासकर किसानों के मुद्दों पर।


राजनीति में उनका लंबा अनुभव रहा है। वे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की पार्टी लोकदल से राजनीति में आए और बाद में जनता दल, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी जैसे दलों से जुड़े। राज्यसभा और लोकसभा, दोनों में वे सांसद रह चुके थे।


उनकी छवि एक स्पष्टवक्ता नेता की रही है, जो सत्ता पक्ष में रहते हुए भी जनहित के मुद्दों पर मुखरता से अपनी बात रखते थे। किसानों के आंदोलन के समय उन्होंने सरकार की आलोचना कर सुर्खियां बटोरी थीं।


उनके निधन पर कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।


सत्यपाल मलिक के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके दिल्ली स्थित निवास पर रखा गया है। उनके अंतिम संस्कार की प्रक्रिया मंगलवार को उनके पैतृक गांव बघपत (उत्तर प्रदेश) में संपन्न होगी।

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